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सतना. हादसे के बाद जब्त दोपहिया वाहन को छोडऩे के नाम पर तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए पुलिस थाना बदेरा के एएसआइ चंद्रमणि त्रिपाठी निवासी अम्बेडकर नगर उप्र हाल मुकाम नेहरू नगर रीवा को भ्रष्टचार निवारण की विशेष अदालत ने चार साल के कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने रिश्वतखोर एएसआइ को चार हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अभियोजन की ओर विशेष लोक अभियोजक फखरुद्दीन ने पैरवी की।
अभियोजक के मुताबिक, संतोष शुक्ला की बाइक परिचित लेकर गए थे। तभी रास्ते में दोपहिया वाहन हादसे का शिकार हो गया। पुलिस थाना बदेरा ने कार्रवाई करते हुए दोपहिया वाहन को जब्त कर लिया। मामले की जांच पुलिस थाना बदेरा में पदस्थ एएसआइ चंद्रमणि त्रिपाठी कर रहे थे। एएसआइ दोपहिया वाहन को छोडऩे के नाम पर तीन हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। संतोष शुक्ला ने परेशान होकर मामले की शिकायत लोकायुक्त के पास दर्ज कराई। लोकायुक्त ने योजना बनाकर एएसआइ चंद्रमणि त्रिपाठी को पुलिस थाना बदेरा में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। एएसआइ ने शिकायकर्ता से रिश्वत लेकर ड्राज में रख लिया था। लोकायुक्त की टीम ने ड्राज से रुपए बरामद किए। रिश्वतखोर एएसआइ के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई। जांच पूरी होने के बाद चालान पेश किया गया। अदालत ने विचारण के दौरान एएसआइ के खिलाफ अपराध प्रमाणित होना पाया। एएसआइ को भ्रष्टचार निवारण अधिनियम १९८८ की धारा १३ (१) डी के तहत चार साल का कारावास, दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा १३ (२) के तहत तीन साल का कारावास और दो हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया गया।