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अमित मिश्रा,
प्रदेश में 22 फरवरी से बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में बजट पेश होने के साथ विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का भी चुनाव होना है। माना जा रहा है की विंध्य क्षेत्र से विधानसभा अध्यक्ष को चुना जा सकता है। विधानसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा आलाकमान ने नाम तय किए हैं। ऐसा होने पर 17 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद विंध्य के खाते में जाएगा।
बताया जा रहा है की विंध्य से आने वाले भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ल और गिरीश गौतम विधानसभा अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे है। गिरीश गौतम रीवा के देवतालाब सीट से और केदारनाथ शुक्ल सीधी सीट से भाजपा विधायक हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री की सहमति की खबर है,
दरअसल भाजपा पर विंध्य क्षेत्र के नेताओं को एडजस्ट करने का दबाव है। ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद 17 साल बाद विंध्य के खाते में जा सकता है। इससे पहले विंध्य से श्रीनिवास तिवारी 24 दिसम्बर 1993 से 11 दिसम्बर 2003 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। उनके बाद से विंध्य का कोई नेता इस पद पर नहीं रहा। इसके अलावा भाजपा अपने असंतुष्ट विधायकों को संतुष्ट करने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी अपने पास रख सकती है,