भगवान श्रीराम के प्रतिज्ञा स्थल सिद्धा पहाड़ के मामले में भी अयोध्या के राम मंदिर की ही तर्ज पर खनन कारोबारी ने भगवान की मौजूदगी के प्रमाण मांग कर एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया। यह प्रमाण खनन कारोबारी ने किसी और से नहीं विहिप और बजरंग दल कार्यकर्ताओं से मांग कर उनका गुस्सा और भड़का दिया है। बजरंगियों और विहिप कार्यकर्ताओं ने खनन कारोबारी को तो चेतावनी दी ही, कलेक्टर को ज्ञापन देकर सिद्धा पहाड़ में उत्खनन की सभी अनुमतियां निरस्त करने की भी मांग की।
दरअसल, चित्रकूट की 84 कोशीय परिक्रमा के अंदर स्थित राम वन गमन पथ के अंश भगवान के प्रतिज्ञा स्थल सिद्धा पहाड़ में उत्खनन की अनुमति निरस्त करने की मांग लेकर विहिप-बजरंग दल का प्रतिनिधि मंडल गुरुवार की शाम कलेक्ट्रेट पहुंचा था। उसी वक्त वहां राकेश एजेंसीज का पार्टनर श्याम बंसल भी दो साथियों समेत पहुंचा हुआ था।
उसका सामना विहिप और बजरंग दल के डेलीगेट से हुआ तो उसने सिद्धा पहाड़ में भगवान राम के आने-जाने के प्रमाण मांग लिया। बजरंगी इस पर भड़क गए और वहां विवाद की स्थिति निर्मित होने लगी। प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजबहादुर मिश्रा ने बताया कि विहिप पदाधिकारी ने बंसल को श्रीराम चरित मानस और वाल्मीकि रामायण में उल्लिखित प्रमाण दोहा-चौपाई और श्लोकों के जरिए बताए, लेकिन फिर भी वह यहीं कहता रहा कि उसे प्रूफ चाहिए।
अगर वो भगवान के संबंध में प्रूफ दे सकते हैं तो वह पीछे हट जाएगा। राजबहादुर ने कहा कि आराध्य भगवान श्रीराम के बारे में प्रमाण मांगने वाला खनन कारोबारी धर्म विरोधी है। उसने करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र भगवान राम के प्रति ऐसी बातें कर हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाई है।
कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर विहिप और बजरंग दल ने सिद्धा पहाड़ में उत्खनन के लिए दी गई। सभी अनुमतियां निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह प्रतिज्ञा स्थल हिंदुओं का तीर्थ स्थल है, जहां हमारे ऋषि मुनियों के अस्थि-मज्जा का ढेर है। वहां लीज स्वीकृत कराने वाले कलियुग के राक्षस हैं।