जनपद पंचायत सीईओ एस के मिश्रा के साथ मारपीट मामले में न्यायालय ने बनाया आरोपी,
न्यायालय ने जिन मामलों में विधायक को आरोपी बनाया है इसमें कई गैरजमानती धाराए लगाई है,
वहीं न्यायालय ने सीइओ के परिवाद को स्वीकार करते पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है,
न्यायालय ने कहा कि विधायक के विरुद्ध पर्याप्त आधार होने के बावजूद पुलिस ने आरोपी नहीं बनाया है,
रीवा भाजपा विधायक के पी त्रिपाठी पर चलेगा आपराधिक केस,
रीवा जिले के सेमरिया से भाजपा विधायक के पी त्रिपाठी के खिलाफ आपराधिक धाराओं में केस दर्ज करने का कोर्ट ने आदेश दिया है सिरमौर जनपद के सीईओ को फोन पर धमकाने का वीडियो वायरल होने के बाद विधायक समर्थकों ने हमला किया था, चालान में विधायक के पी त्रिपाठी की भूमिका का उल्लेख नहीं होने पर परिवाद के आधार पर कोर्ट ने आदेश जारी किया है, मामला 16 अगस्त का है जनपद सीईओ एसके मिश्रा पर जानलेवा हमला किया गया था,
इसी के बाद वीडियो वायरल हुआ था, इस पूरे घटनाक्रम की साज़िश में पीड़ित ने विधायक के पी त्रिपाठी पर आरोप लगाया था लेकिन पुलिस ने कोर्ट में जो चालान पेश किया है, उसमें विधायक के पी त्रिपाठी की भूमिका का उल्लेख नहीं है। इस कारण पीड़ित ने सिरमौर न्यायालय में परिवाद दायर किया था।
सिरमौर न्यायालय में पेश तथ्यों की सुनवाई और घटना में के पी त्रिपाठी की संलिप्तता के पर्याप्त साक्ष्य स्पष्ट रूप से दर्शित मानते हुए न्यायालय ने विधायक के पी त्रिपाठी के खिलाफ धारा 341,294,342,147,148,149,353,332,325,333, के तहत नामजद किया गया है। न्यायालय ने 8 दिसम्बर को के पी त्रिपाठी को हाजिर के लिए समन जारी किया है।
आप को बता दें कि अपने बयान में सीईओ ने विधायक के पी त्रिपाठी नाम दर्ज कराया था लेकिन पुलिस ने एफआईआर से विधायक के पी त्रिपाठी का नाम अलग कर दिया था। जांच का हवाला देकर पुलिस ने के पी त्रिपाठी का चालान पेश नहीं किया है।