वीरता की विरासत का उत्सव: सतना में महाराणा प्रताप जयंती पर ऐतिहासिक शौर्य यात्रा…..
रॉयल राजपूत संगठन की ऐतिहासिक पहल, गांव-गांव जाकर जोड़ी जन-जन की भागीदारी

भव्य शौर्य यात्रा: परंपरा, पराक्रम और आत्मगौरव का महासंगम...

अमित मिश्रा।
महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती पर सतना शहर ने एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बनते हुए वीरता, परंपरा और सामाजिक एकता की मिसाल पेश की। रॉयल राजपूत संगठन के नेतृत्व में आयोजित इस भव्य शौर्य यात्रा ने न केवल महाराणा प्रताप को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाकर आत्मगौरव और सांस्कृतिक चेतना का भी जागरण किया।
शौर्य यात्रा की शुरुआत शहर की हवाई पट्टी पर स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद शंखध्वनि और स्वस्तिवाचन के साथ यात्रा का विधिवत शुभारंभ हुआ। यात्रा सेमरिया चौक, भरहुत नगर मोड़ से होते हुए टाउन हॉल पहुंची, जहां एक भव्य मंचीय कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस आयोजन की सबसे विशेष बात प्रतिभागियों की पारंपरिक वेशभूषा रही। केसरिया साफा पहने युवाओं, पारंपरिक परिधान में सजी क्षत्राणियों और घुड़सवार वीरों ने यात्रा को गौरवशाली स्वरूप प्रदान किया। बैंड-बाजों की गूंज, हवा में लहराती तलवारें और महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित झांकियां देखते ही बनती थीं। हर मोड़ पर संस्कृति, इतिहास और गौरव की भावना स्पष्ट रूप से झलक रही थी।

टाउन हॉल में आयोजित मंचीय कार्यक्रम में महाराणा प्रताप के जीवन संघर्ष, बलिदान और स्वाभिमान पर केंद्रित प्रेरणादायक भाषणों के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। महाराणा प्रताप की गाथा ने पुनः यह स्मरण कराया कि एक सच्चा राष्ट्रभक्त कभी समझौता नहीं करता – चाहे परिस्थितियां कितनी भी विषम क्यों न हों।
इस अवसर पर खेलो इंडिया विंटर गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली स्केटिंग खिलाड़ी उद्रेका सिंह को सम्मानित किया गया, जिसने कार्यक्रम को वर्तमान की उपलब्धियों से भी जोड़ा। यह सम्मान समाज में बेटियों को प्रोत्साहन देने का भी एक सकारात्मक संदेश बन गया।
कार्यक्रम में पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह, चित्रकूट विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गगनेन्द्र प्रताप सिंह, सुष्मिता सिंह परिहार सहित अनेकों जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। संचालन रॉयल राजपूत संगठन के जिलाध्यक्ष नीरज सिंह भाद ने किया, जिनके अथक प्रयासों और संगठनात्मक नेतृत्व के चलते यह आयोजन इतनी भव्यता से संपन्न हो सका।
शौर्य यात्रा के मार्ग पर हिंदू पर्व समन्वय समिति, सिंध सेवा संगम, विंध्य चेंबर ऑफ कॉमर्स सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने पुष्पवर्षा, शीतल जल व मिष्ठान वितरण कर स्वागत किया। यह सहभागिता बताती है कि महाराणा प्रताप की स्मृति केवल एक समाज तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे जनमानस की श्रद्धा का प्रतीक है।

इस आयोजन में जहां पुरुष वर्ग का उत्साह देखने लायक था, वहीं मातृशक्ति की भागीदारी ने आयोजन को गरिमा प्रदान की। आरती सिंह बाघेल, वंदना सिंह, माया सिंह, शुशीला सिंह सहित अनेकों महिलाएं इस उत्सव का अभिन्न अंग बनीं और यात्रा को सार्थक स्वरूप प्रदान किया।
महाराणा प्रताप जयंती का यह आयोजन केवल एक परंपरागत उत्सव नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, साहस और सांस्कृतिक गौरव का जीवंत उदाहरण बन गया। रॉयल राजपूत संगठन द्वारा आयोजित यह शौर्य यात्रा आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास से जुड़ने, उसे सम्मान देने और देशप्रेम के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। महाराणा प्रताप के आदर्शों को जीवंत रखने वाला यह कार्यक्रम आने वाले वर्षों तक लोगों के हृदय में एक प्रेरक स्मृति के रूप में अंकित रहेगा।






