आज भारत के प्राण की प्राण-प्रतिष्ठा का दिन। सदी के सबसे बड़े अनुष्ठान की साक्षी बनी समूची दुनिया। देश-दुनिया में मनाई जा रही दीपावली।
जल रहे दीप, मन रही दीपावली पीढ़ियों, पुरखों व देश का स्वप्न हुआ साकार। शब्द नहीं मिल रहे, क्या लिखें, कैसे लिखें? क्या शब्दों में बांधा जा सकता है सदी का ये सबसे बड़ा, भव्य, दिव्य प्रसंग। ये एक तरह से भारत के प्राण की प्राण-प्रतिष्ठा का पल, क्षण, दिन है। राम ही तो भारत के प्राण हैं, जन-जन के …