जानलेवा कोरोना वायरस से बचने के लिए भले ही भारत सरकार लाख जतन कर रही हो, लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा के हालात बेहद भयावह है। अगर इस शहर को भारत का इटली कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि जिस तरह दुनिया में जिस तरह कोविड-19 के मामले बढ़े ठीक उसी तेजी के साथ राजस्थान के भीलवाड़ा में भी कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। राजस्थान में अब तक कोरोना वायरस के 45 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 21 कोरोना पॉजिटिव अकेले भीलवाड़ा जिले से हैं। किलों और महलों के लिए मशहूर भारत की पर्यटक राजधानी माने जाने वाले इस राज्य में कोरोना से पहली मौत भीलवाड़ा में ही हुई थी। 19 मार्च को पहला केस आया था। बांगड़ अस्पताल के डॉक्टर आलोक शर्मा समेत छह लोग एक साथ पॉजिटिव मिले थे, जिसके बाद ही राजस्थान सरकार हरकत में आई थी।,
● एक ही दिन में दो मौत
भीलवाड़ा में कम्यूनिटी इंफेक्शन फैल चुका है। तीसरा स्टेज चल रहा है। सूबे के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मीडिया के सामने आकर बताना पड़ा कि पूरे जिले की जांच हो चुकी है। करीब 28 लाख जनसंख्या वाले भीलवाड़ा जिले को सरकार पहले ही अतिसंवेदनशील बता चुकी है। समाचार लिखे जाने तक राजस्थान में 45 कोरोना पॉजिटिव पाए गए है, जिनमें 19 तो भीलवाड़ा में ही हैं। 26 मार्च को यहां कोरोना संक्रमण और किडनी में तकलीफ समेत कई बीमारियों का इलाज करा रहे 73 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो जाती है। शाम तक उनके बेटे और पोती की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है। रात में एक अन्य शख्स की मौत हो गई। लोगों में दहशत का माहौल है। जान बचाने के लिए रहवासी दूसरे जिलों में जा रहे हैं, यही कारण है कि वहां कम्यूनिटी इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है। 11 हजार लोग संदिग्ध हैं, जिनमें से 6445 को होम आइसोलेशन में रखा गया है।