मध्यप्रदेशसतना

सतना शहर की दुर्दशा: लापरवाह नगर निगम, मौन विपक्ष और त्रस्त जनता की दास्तान……

अमित मिश्रा, सतना।

सतना शहर की जनता आज बेहद दुखी और हताश है। लोग कह रहे हैं कि नगर निगम ने शहर का सत्यानाश कर दिया है। सेमरिया चौक से लेकर कृष्णनगर होते हुए अस्पताल चौक जाने वाली मुख्य सड़क का महीनों से बुरा हाल है। सड़क के एक हिस्से पर आवागमन पूरी तरह बंद है, जबकि दूसरी ओर से दिनभर जाम लगा रहता है। दुकानदारों और राहगीरों की परेशानी कोई सुनने वाला नहीं है।

लोगों का कहना है कि वोट मांगने के लिए नेताओं ने घर-घर जाकर वादे किए थे, लेकिन अब किसी को जनता की तकलीफ नजर नहीं आ रही। न तो पक्ष के नेता कुछ कर रहे हैं और न ही विपक्ष। लोग कह रहे हैं कि पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि विपक्ष भी पूरी तरह चुप्पी साधे बैठा है। मानो सभी ने आपस में सांठगांठ कर ली हो।

सतना में नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी व नेता सिर्फ सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें वायरल करने में व्यस्त हैं। हर दिन किसी न किसी सड़क के निर्माण कार्य का उद्घाटन होता है, उसकी चमक-दमक सोशल मीडिया पर दिखाई देती है, लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही है।

लोग बताते हैं कि बीते वर्षों से हालात और बदतर होते जा रहे हैं। बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है, महिलाओं का घर से निकलना दूभर हो गया है। बरसात में गड्ढों में भरा पानी और फिसलन, गर्मियों में धूल और कीचड़ लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि घर से निकलने से पहले यह देखना पड़ता है कि कौन सा रास्ता बंद है और कौन सा खुला।

स्मार्ट सिटी के नाम पर देशभर में काम हो रहे हैं, लेकिन सतना एक अजूबा बन गया है। यहां मैहर रोड जैसी मुख्य सड़कों पर भी जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। कब रास्ता बंद हो जाए और डायवर्ट कर दिया जाए, इसका कोई भरोसा नहीं।

हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि जनता की आवाज सुनने को तैयार नहीं हैं। लोगों का कहना है कि अब जनता की परेशानी किसी को नहीं दिखती, क्योंकि सब सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं। जनता का दर्द सुनने वाला कोई नहीं।

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