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अस्थाई कर्मचारियों का ‘कामगार क्रांति आंदोलन’, कलेक्ट्रेट का घेराव कर मांगा न्यूनतम वेतन….

सतना, 17 अप्रैल:
प्रदेशभर में काम कर रहे अस्थाई आउटसोर्स कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन और रोजगार की सुरक्षा की मांग को लेकर सतना कलेक्ट्रेट का घेराव किया। ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स अस्थाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा मध्य प्रदेश के नेतृत्व में ‘कामगार क्रांति आंदोलन’ की शुरुआत की गई।

डॉ. अमित सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुँचे। सभा में पंचायत चौकीदार संघ, मीटर रीडर संघ, नगर निगम, टेलीमेडिसिन, लैब टेक्नीशियन समेत कई संगठनों के कर्मचारी शामिल रहे। कर्मचारियों ने कहा कि वे वर्षों से महज ₹3,000 से ₹5,000 प्रतिमाह पर काम कर रहे हैं, जो बंधुआ मजदूरी से भी बदतर है।

प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि सरकार का दावा है कि प्रत्येक व्यक्ति की मासिक आय ₹11,833 है, लेकिन अस्थाई कर्मचारी इससे काफी कम वेतन पर काम करने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायतों के चौकीदार, जल संचालक, रसोइया, गार्ड, आशा कार्यकर्ता आदि को समय पर वेतन तक नहीं मिलता।

शर्मा ने बताया कि अप्रैल 2024 से न्यूनतम वेतन पुनरीक्षित किया गया, परंतु आउटसोर्स एजेंसियां व अधिकारी इसे लागू नहीं कर रहे। 11 महीने का एरियर (₹20,000–₹25,000) भी नहीं दिया जा रहा।

इस आंदोलन में आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों ने भी पहुंचकर समर्थन दिया और मांगों को भोपाल तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

मीडिया सेल
ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स अस्थाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा मध्य प्रदेश

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