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अस्थाई, आउटसोर्स कर्मचारियों का 17 अप्रैल को कलेक्ट्रेट घेराव……


नियमित रोजगार और न्यूनतम 21 हजार वेतन की होगी मांग

सतना, 9 अप्रैल। मध्य प्रदेश के विभिन्न शासकीय विभागों और योजनाओं में कार्यरत अस्थाई व आउटसोर्स कर्मचारी न्यूनतम वेतन और नौकरी की सुरक्षा से वंचित हैं। इन कर्मचारियों को 3 से 5 हजार रुपए में काम कराया जाता है और कभी भी हटा दिया जाता है। इनमें स्कूलों व छात्रावासों के अंशकालीन कर्मचारी, सफाईकर्मी, रसोइया, ग्राम पंचायत चौकीदार, नल-जल चालक, अतिथि शिक्षक, आशा कार्यकर्ता, मनरेगा श्रमिक और अन्य अस्थाई कर्मचारी शामिल हैं।

इन समस्याओं को लेकर ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स अस्थाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने 17 अप्रैल को सतना कलेक्ट्रेट का घेराव करने का निर्णय लिया है। इससे पहले सिविल लाइन चौपाटी पर धरना और सभा का आयोजन होगा, जिसे प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा संबोधित करेंगे।

इस आंदोलन की अध्यक्षता मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अमित सिंह, संभागीय अध्यक्ष शिवेंद्र पांडे और रीवा के जिला अध्यक्ष विपिन पांडे करेंगे। साथ ही पंचायत चौकीदार संघ, स्कूल छात्रावास अस्थाई कर्मचारी संघ सहित कई संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

आंदोलन में न्यूनतम 21 हजार वेतन, मनरेगा मेठ के लिए मानदेय निर्धारण, नौकरी की सुरक्षा और एरियर भुगतान जैसी मांगें रखी जाएंगी। कर्मचारी नेताओं ने सभी अस्थाई कर्मचारियों से बड़ी संख्या में उपस्थित होने की अपील की है।

मीडिया सेल
ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स अस्थाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा, मध्य प्रदेश

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