मध्यप्रदेशसतना

चित्रकूट क्षेत्र के पौराणिक एवं धार्मिक महत्व के स्थलों का होगा संरक्षण,सिद्धा कोठार की तीन अयस्क खदानों की स्वीकृति निरस्त

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सतना 23 सितंबर 2022/चित्रकूट क्षेत्र के धार्मिक और पौराणिक महत्व के स्थलों और राम पथ गमन के चिन्हांकित स्थानों का संरक्षण किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा लोगों की आस्था और पौराणिक महत्व के स्थल अमिरती ग्राम पंचायत अंतर्गत सिद्धा कोठार की स्वीकृत तीन खदानों की स्वीकृति निरस्त कर दी गई है। इस आशय की बात सांसद गणेश सिंह ने मझगवां की ग्राम पंचायत अमिरती के सिद्धा कोठार में आयोजित कार्यक्रम में कही। इस मौके पर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार, नगर पंचायत अध्यक्ष चित्रकूट साधना पटेल, एसडीएम पीएस त्रिपाठी, जनपद सीईओ सुलभ पुषाम, तहसीलदार नितिन झोड़ एवं खनिज तथा अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।


सिद्धा पहाड़ में आयोजित कार्यक्रम में सांसद श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने त्रेतायुग की इस पवित्र धरती पर श्री राम ने वनवास काल के दौरान जिन स्थानों से गमन किया है। मध्यप्रदेश की सीमा में चित्रकूट से अमरकंटक तक लगभग 800 किलोमीटर मार्ग में विभिन्न स्थलों का शोध चिन्हांकन कर रामवन पथ गमन के रूप में एक सर्किट में जोड़कर संरक्षण करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि चित्रकूट क्षेत्र की धरती पर धार्मिक, पौराणिक महत्व को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा इन्हें श्रद्धालुओं की आस्था के अनुरूप संरक्षित किया जाएगा। इसमें 84 कोसी परिक्रमा भी शामिल है।
सांसद श्री सिंह ने कहा कि लोगों की आस्था के अनुरूप मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सिद्धा पहाड़ की स्वीकृति 3 खदानों की स्वीकृति तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। इनमें वर्ष 1986 में स्वीकृत मेसर्स एमपी मिनिरल सप्लाई कंपनी के रकबा 10.623 हेक्टेयर और राकेश एजेंसी सिद्धा कोठार रकबा 16.178 हेक्टेयर. राकेश एजेंसी 12.140 हेक्टेयर रकबा की खदान, जो कि वर्ष 1978 में स्वीकृत हुई है। भारत सरकार के नियमों में संशोधन से इनकी स्वीकृति वर्ष 2028 तक हो गई है। राज्य शासन द्वारा तत्काल प्रभाव से खदान की स्वीकृति निरस्त कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक और पुरातत्व के महत्व के स्थलों को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए। सांसद ने कहा कि सिद्धा पहाड़ के चारों तरफ पक्का परिक्रमा पथ और बाउंड्री बनाने और रामायण में वर्णित सिद्धा पहाड़ पर श्रीराम द्वारा ली गई प्रतिज्ञा लेते हुए विशाल प्रतिमा भी स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार
की स्पष्ट मंशा है कि राम पथ गमन के चिन्हांकित स्थलों और चित्रकूट क्षेत्र के धार्मिक और पौराणिक महत्व के स्थलों का संरक्षण और आस्था के अनुरूप श्रद्धालुओं की सुविधा के विकास कार्य किए जाएं।

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