सतना।।मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को प्रदर्शन कर रहे युवाओ को पुलिस ने जबरदस्ती उठाकर अज्ञात स्थानों पर ले जाकर छोड़ दिया, बताया जा रहा है की बेरोजगार युवाओं द्वारा पीएससी की नियमित परीक्षा कराने व प्रदेश में खाली पड़े लगभग तीन लाख सरकारी पदों पर भर्ती किये जाने की मॉंग को लेकर राष्ट्रीय शिक्षित युवा संघ के बैनर तले गॉंधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर से इंदौर से शुरू हुई पदयात्रा आज 09 अक्टूबर को भोपाल के शाहजहांनी पार्क में समाप्त होनी थी, जिसे प्रशासन द्वारा भोपाल के बाहर ही रोक दिया गया व पदयात्रियों को पुलिस वाहनों में भरकर तितर-बितर कर अज्ञात स्थानों पर छोड़ दिया गया है। इसे लेकर युवा कांग्रेस ने भी अपना विरोध जताया था और अब विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने इस मामलें में बेरोजगार युवाओं की मांग पूरी किए जाने की अपील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की है।
विधायक नारायण त्रिपाठी का पत्र
प्रति,
माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान जी,
मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल।
विषयः मध्यप्रदेश भर्ती सत्याग्रह पैदल यात्रा को राजधानी भोपाल के बाहर रोक दिये जाने व बेरोजगार युवा पदयात्रियों की मॉंगों के मामले में कार्यवाही किये जाने विषयक।
महोदय,
ज्ञात हो कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं द्वारा पीएससी की नियमित परीक्षा कराने व प्रदेश में खाली पड़े लगभग तीन लाख सरकारी पदों पर भर्ती किये जाने की मॉंग को लेकर राष्ट्रीय शिक्षित युवा संघ के बैनर तले गॉंधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर से इंदौर से शुरू हुई पदयात्रा आज 09 अक्टूबर को भोपाल के शाहजहांनी पार्क में समाप्त होनी थी, जिसे प्रशासन द्वारा भोपाल के बाहर ही रोक दिया गया व पदयात्रियों को पुलिस वाहनों में भरकर तितर-बितर कर अज्ञात स्थानों पर छोड़ दिया गया है।
माननीय, आप इन्हीं नौजवान भांजे-भांजियों के मामा के रूप में देशभर में विख्यात हैं। आप अत्यंत संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं, आपके ही प्रशासन द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मॉंगों के निराकरण हेतु जारी इस पदयात्रा को रोक दिया जाना अन्यायपूर्ण है। धरना, प्रदर्शन, सत्याग्रह, पदयात्रा आदि अपनी मॉंगों को शासन-प्रशासन तक पहुॅंचाने के लोकतांत्रिक माध्यम हैं। शांतिपूर्ण पदयात्रा कर रहे बेराजगार युवाओं को उनके कार्यक्रम स्थल शाहजहांनी पार्क न पहुॅंचने देना अनुचित है। वैसे भी सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों, ऑंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं आदि के विभिन्न आंदोलनों को रोकने के दमनकारी प्रशासनिक तरीकों से सरकार की छबि पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
आपसे निवेदन है कि मध्यप्रदेश भर्ती सत्याग्रह पैदल यात्रा से संबंधित बेरोजगार युवाओं के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर उनकी मॉंगों पर चर्चा कर यथासंभव हल किये जाने के निर्देश दें ताकि युवाओं में व्याप्त आक्रोश थम सके।
सादर,
आपका ( नारायण त्रिपाठी )