सतना: जिले के सबसे बड़े प्राइवेट अस्पताल एमपी बिरला हॉस्पिटल में एक मृत कोविड संक्रमित महिला को जीवित बताकर पैसे ऐंठे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है यह आरोप मृतक कोविड संक्रमित महिला के परिजनों ने लगाया है। 24अप्रेल की सुबह से सिंधी कैम्प निवासी महिला के परिजन कोविड प्रोटोकॉल के तहत पीपीई किट पहन कर अपनी माँ को देखने की जिद कर रहे थे लेकिन अस्पताल के कोविड प्रभारी डॉ कंदर्प भुवा ने न सिर्फ उनके परिजनों से बदतमीजी की बल्कि वो उस महिला को लगातार अच्छा बताते रहे। पीड़ित पक्ष की माने तो जब परिजनों ने मिलने के लिए हंगामा करना शुरू किया तो महिला को डॉ कंदर्प भुवा ने मृत घोषित कर दिया। यह कहना कतई गलत नहीं होगा की डॉ कंदर्प भुवा जैसे डॉक्टरों के चलते ही पूरा पेशा बदनाम हो रहा है।
हैवान क्यों बन गया डॉक्टर… पढ़ें
अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना काल में बढ़ते मरीजों को देखते हुए डॉक्टर कंदर्प भुवा जो कि पहले सैलरी बेस पर थे उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से कॉन्ट्रैक्ट किया कि उन्हें इंसेंटिव बेस पर रखा जाए इस कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक जितने भी मरीज डॉक्टर कंदर्प भुवा के थ्रू एडमिट होंगे उनसे आने वाली कमाई का कुछ प्रतिशत उन्हें मिलेगा लिहाजा डॉक्टर कंदर्प भुवा ने पैसे कमाने की लालच में अपनी मानवता को भी बेच दिया और मृत हो चुके पेशेंट के परिजनों से जिंदा बताकर पैसे ऐड रहे, एडमिनिस्ट्रेशन में बैठे वकील सिंह यादव से इनकी पूरी सांठगांठ है, एक सिंधी परिवार के हवाले से यह मामला सामने आया है ना जाने कितने मरीजों की लाश से इन दोनों ने पैसे कमाए हैं अंदाजा लगाया जा सकता है, सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों सतना कलेक्टर अजय कटेसरिया ने बिरला अस्पताल का निरीक्षण किया था जिसमें डॉक्टर कंदर्प भुवा को फटकार लगाते हुए एडमिनिस्ट्रेशन से उन्हें हटाने की बात कही थी, लेकिन डॉक्टर महेश्वरी की सिफारिश पर सतना कलेक्टर पीछे हट गए थे, डॉक्टर कंदर्प भुवा की इस अमानवीय हरकत को कतई माफ नहीं किया जा सकता।