अमित मिश्रा,
सड़कों पर पड़े शव, ब्लास्ट में लोगों के उड़े परखच्चे,
वीडियो बनाने के चक्कर में पत्थरों और पटाखों के कारण सबसे ज्यादा घायल हुए राहगीर,
वीडियो बनाने के चक्कर में पत्थरों और पटाखों के कारण सबसे ज्यादा घायल हुए राहगीर,
मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाकर मांगी सेना और एनडीआरएफ से मदद,
किसी युद्ध में हुए बम ब्लास्ट की तरह सड़कों पर लाशें और घायल पड़े थे। 2024 में लापरवाही के इस बारूद ने हरदा में कई लोगों के प्राण हर लिए। हरदा जिला अस्पताल में घायलों को रखने के लिए पलंग तक कम पड़ गए हैं। इंदौर, भोपाल, बैतूल हर हाईवे पर केवल एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड के सायरन ही सुनाई दे रहे थे। किसी तरह 7 जिलों के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के डॅाक्टरों ने मिलकर घायलों का इलाज शुरू किया।
मध्यप्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हो गया। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। कई घायलों की स्थिति गंभीर है। कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। मंगलवार सुबह हरदा जिले में मगरधा रोड पर पटाखा फैक्ट्री में आग लगने के कारण ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट इतना भीषण था कि देखते ही देखते लोगों के परखच्चे तक उड़ गए। पटाखों की यह फैक्ट्री हरदा शहर में ही मगरधा रोड पर बैरागढ़ गांव में है। धमाका मंगलवार सुबह करीब 11 बजे हुआ। धमाके की चपेट में आने से कई राहगीर वाहन समेत दूर उछल गए। धमाका इतना तेज था कि पूरे शहर और आसपास के गांवों तक में इसकी आवाज सुनाई दी। आग की लपटें और धुएं का गुबार दूर से देखा जा सकता था। करीब एक घंटे तक धमाके होते रहे।
घर-घर बन रहे थे पटाखे
आमतौर पर किसी लघु उद्योग की तरह आसपास के मकानों में भी पटाखे बनाने का काम चल रहा था। पापड़ की तरह पटाखे बनाए जा रहे थे। फैक्ट्ररी के आसपास के मकानों में बिना सुरक्षा इंतजाम के पटाखे बनाए जा रहे थे। जानकारी मिली है कि फैक्ट्री के आसपास बने घरों में बारूद रखा था। धमाके के बाद 60 घरों में आग लग गई। एहतियातन 100 से ज्यादा घरों को खाली कराया गया है। आग लगने का कारण फिलहाल अज्ञात है। हरदा एसडीएम केसी परते ने कहा कि फैक्ट्री अनफिट थी।
एक किलोमीटर दूर तक उड़ा मलबा, कई लोग हुए घायल
इस पूरे हादसे में भले ही लापरवाही के बारूद के कारण लोगों की जान गई हो। इस हादसे में फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर और आसपास के रहवासियों के अलावा कई लोग घायल हुए हैं। इसमें बैरागढ़ फैक्ट्री के आसपास रील्स के लिए वीडियो बनाने गए लोग बड़ी संख्या में घायल हुए हैं। इसमें कई वाहन चालक वीडियो बनाने के चक्कर में पत्थर और पटाखों के शिकार हो गए। मुख्य सड़क पर कई लोग गाड़ियों के साथ घायल अवस्था में पड़े रहे। इसमें 1 किमी से अधिक दूरी तक मलबा उड़कर कई लोगों को लगा। इसमें हाथ सिर और पैर में चोट लगने से बड़ी संख्या में लोग घायल हुए। समय पर इलाज मिलने के कारण कई लोगों की जान भी बच सकी। इंदौर के एमवाय, इंडेक्स, चोइथराम, मेदांता से लेकर कई अस्पतालों के एंबुलेंस और डॉक्टरों ने भी पहुंचकर स्थिति संभाली।
11 की मौत, लेकिन लापता लोगों की संख्या से सभी अनजान।
विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। अब तक 11 शव दफना दिए गए हैं, जबकि 13 कब्र खोदकर रखी गई हैं। इससे यही संकेत मिलता है कि मृतकों की संख्या कही अधिक है। उल्लेखनीय है कि पटाखा फैक्ट्री में मृत लोगों को कब्रिस्तान में दफनाना भी शुरू कर दिया है। इसमें कब्रिस्तान से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार देर शाम तक 11 शव कब्रिस्तान में दफनाया गया। जबकि 13 कब्र खोद कर रखी गई हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा मृतकों की संख्या अभी 11 बताई गई है, जबकि 204 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
फैक्ट्री मालिक को सारंगपुर पुलिस ने पकड़ा
इधर, फरार फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल और रफीक खान को मंगलवार रात करीब 9 बजे राजगढ़ जिले के सारंगपुर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ हरदा सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया है। राजगढ़ के एसडीओपी अरविंद सिंह ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल राजगढ़ जिले के सारंगपुर की ओर आ रहा है। टीआई संतोष सिंह को टीम के साथ घेराबंदी के लिए भेजा, जहां मक्सी से दिल्ली की ओर जा रही एक कार को रोका गया। इसमें तीन लोग सवार थे। इनमें एक आरोपी राजेश अग्रवाल था। हरदा पुलिस की टीम आरोपी को लेने आ रही है। इसके पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि राजेश अग्रवाल हादसे के बाद फरार हो गए थे। वे उज्जैन के रास्ते निकले और मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश और दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे से आगे बढ़ रहे थे। पुलिस ने मुखबिरों से मिली जानकारी के बाद मक्सी में दबिश दी, लेकिन अग्रवाल वहां से निकल चुके थे। इसके बाद एक टीम ने राजगढ़ जिले के सारंगपुर में हाईवे पर उन्हें पकड़ लिया।