मध्यप्रदेशसतना

भ्रष्टाचार और पक्षपात के विरोध में क्रिकेटरों ने खोला मोर्चा, डीसीए सतना को भंग करने सांसद गणेश सिंह को सौंपा गया ज्ञापन…..

पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों ने नई कार्यकारिणी गठन की उठाई मांग, दर्जनों हस्ताक्षरकर्ता रहे मौजूद….

सतना। जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीसीए) सतना में लंबे समय से जारी कथित भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितताओं और पक्षपातपूर्ण चयन प्रणाली के खिलाफ जिले के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है। इस संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल ने सतना सांसद गणेश सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए डीसीए को तत्काल प्रभाव से भंग करने और नई कार्यकारिणी के गठन की मांग की है।

ज्ञापन में बताया गया है कि डीसीए सतना के अध्यक्ष राजेश शुक्ला, सचिव आनंद सिंह और उनकी टीम द्वारा बीते वर्षों से संगठन को निजी संपत्ति की तरह संचालित किया जा रहा है। संगठन की आमसभा की बैठकें पिछले 9-10 वर्षों से कागज़ों में ही दिखाई गई हैं, जबकि इसकी कोई वास्तविकता नहीं है। साथ ही प्रबंध समिति के दस्तावेज भी एक ही हस्तलिपि में तैयार किए गए हैं, जिससे उनकी प्रमाणिकता संदेहास्पद है।

सबसे गंभीर आरोप वित्तीय अनियमितताओं को लेकर हैं। संगठन के संविधान की धारा 19 के अनुसार, सभी वित्तीय दस्तावेजों पर कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं, लेकिन 2019 के बाद किसी भी चेक या फंड ट्रांसफर में कोषाध्यक्ष विराज जैन के हस्ताक्षर नहीं हैं। यही नहीं, दो अलग-अलग चार्टर्ड अकाउंटेंट्स द्वारा हस्ताक्षरित बैलेंस शीट प्रस्तुत की गई हैं, जिनमें आंकड़े मेल नहीं खाते और यह बड़ी वित्तीय गड़बड़ी की ओर इशारा करते हैं।

रीवा डिविजनल क्रिकेट एसोसिएशन की जांच समिति द्वारा की गई जांच में भी 42 में से 30 से अधिक सदस्यों ने डीसीए के वर्तमान अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ स्पष्ट बयान दिए हैं। खिलाड़ियों के अभिभावकों ने भी चयन प्रक्रिया में रिश्वतखोरी और पक्षपात के आरोप लगाए हैं। प्रतिनिधियों का आरोप है कि जिले की टीम में सिर्फ 3-4 खिलाड़ियों को बार-बार शामिल किया गया, जबकि योग्य खिलाड़ियों को जानबूझकर दरकिनार कर दिया गया।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख है कि बिना किसी क्रिकेट पृष्ठभूमि के कुछ लोगों को भी डीसीए का सदस्य बना दिया गया, जिनमें राजेश शुक्ला और उनके पुत्र, आनंद सिंह और उनके पुत्र जयवर्द्धन शामिल हैं। वहीं पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।

इस पूरे प्रकरण में सांसद गणेश सिंह से मांग की गई है कि वे मामले की उच्चस्तरीय जांच सुनिश्चित कराएं और डीसीए को भंग कर एक पारदर्शी व जवाबदेह कार्यकारिणी का गठन करवाएं, जिससे जिले की युवा प्रतिभाओं को निष्पक्ष अवसर मिल सके।

ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से
राजेश कैला, अभिनव भट्ट, राजकुमार श्रीवास्तव, विराम जैन, विराग जैन, साकेत गौतम, पंकज दुबे, उमेश तिवारी, गिरीश शाह, आकांशु खुराना, सौरभ खंडेलवाल, प्रदीप शर्मा, रतन श्रीवास्तव, ललित खुराना, राजेश मिश्रा, संदीप सिंह उर्फ जग्गी, मनीष यादव, रमेश पांडे सहित कुल 20 पूर्व खिलाड़ी और खेल से जुड़े प्रतिनिधि शामिल रहे।

ज्ञापन देने वालों ने बताया की इस ज्ञापन के माध्यम से जिले में क्रिकेट को राजनीतिक और निजी स्वार्थ से मुक्त कर, वास्तविक प्रतिभाओं को आगे लाने की पुरजोर अपील की गई है।

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