विस्थापितों के साथ वादाखिलाफी: सतना में धारणाधिकार पट्टे जारी न होने से भड़का आक्रोश….


सतना जिले में धारणाधिकार पट्टे जारी करने की प्रक्रिया वर्षों से अधूरी है। विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि विस्थापितों को धारणाधिकार नियमों के अंतर्गत पट्टे दिए जाएंगे। चुनावी मंचों पर किए गए इस वादे ने विस्थापितों को एक उम्मीद दी थी, लेकिन आज भी यह वादा पूरा नहीं हो पाया है।
शुरुआत में प्रशासन ने कागजी कार्रवाई करते हुए पट्टे देने की प्रक्रिया शुरू जरूर की, लेकिन कुछ ही दिनों में फाइलें अलमारी में बंद कर दी गईं। वहीं, प्रदेश के कई अन्य शहरों में धारणाधिकार पट्टे वितरित किए जा चुके हैं, जिससे सतना के लोग और भी ज्यादा आक्रोशित हैं।
सतना की स्थिति जस की तस बनी हुई है। केवल कागजी खानापूर्ति करके फाइलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, जिससे सरकार के प्रति लोगों का भरोसा डगमगा गया है। इस उदासीनता के कारण लोगों में भारी आक्रोश है उनकी माने तो वह जल्द सीएम हाउस पहुंच ज्ञापन की तैयारी कर रहे हैं।
लोगों की मांग है कि सतना प्रशासन सिंधी कैंप इलाकों में धारणाधिकार पट्टे देने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करे। विस्थापितों को उनका अधिकार दिलाना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी भी है।
लोगों का कहना है कि सरकार को अब यह समझना होगा कि चुनावी वादे केवल कागजों पर ही नहीं, बल्कि धरातल पर पूरे होने चाहिए।