विधानसभा अध्यक्ष के अलावा उपाध्यक्ष पद पर भी काबिज होंगे भाजपा विधायक, 18 दिसंबर को विशेष सत्र में होगी ताजपोशी।

मप्र विधानसभा अध्यक्ष पद पर पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर की ताजपोशी 18 दिसंबर को विशेष सत्र के पहले दिन होगी, जबकि भाजपा में उपाध्यक्ष की भी चर्चा शुरू हो गई है। ये पद भी भाजपा अपने पास रखेगी और इस पद पर जातीय संतुलन बैठाया जाएगा। उम्मीद तो यही है कि इसी सत्र में विधानसभा उपाध्यक्ष का भी चुनाव होगा। पिछली बार जब कांग्रेस सरकार आई थी, तो उसने इस पद को भाजपा को न देते हुए अपने पास रखा था, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद विधानसभा उपाध्यक्ष का पद खाली रहा था।
इस बार उपाध्यक्ष का पद भरे जाने के पीछे की वजह चार माह होने वाले लोकसभा के चुनाव हैं। मार्च में चुनावी आचार संहिता लग जाएगी, इसलिए 18 दिसंबर से शुरू हो रहे विशेष सत्र में ही उपाध्यक्ष का चुनाव भी कराया जाएगा। पार्टी इस पद पर अपने आदिवासी विधायक को बिठा सकती है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी वर्गों को साधने का प्रयास में भाजपा ने ओबीसी सीएम, ब्राह्मण व दलित को डिप्टी सीएम और राजपूत नेता को विधानसभा अध्यक्ष बनाया है। अब आदिवासी वर्ग को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाकर जातीय संतुलन साधा जाएगा।
ये आदिवासी विधायक हैं लाइन में।
वैसे तो भाजपा से चुनकर आए आदिवासी विधायकों में से ज्यादातर मंत्री बनने के इच्छुक हैं, लेकिन पिछली बार मंत्री बन चुके आदिवासी विधायकों को अबकी बार दूर रखा जाएगा। जिन चेहरों का नाम इस पद के लिए पार्टी के भीतर चल रहा है उनमें ओमप्रकाश धुर्वे, विजय शाह, शरद कौल, मीनासिंह, जयसिंह मरीवह और बिसाहूलालसिंह के नाम शामिल हैं।