उज्जैन (Ujjain) में तैयार किए गए महाकाल कॉरिडोर (Mahakal Corridor) को बहुत ही भव्य और सुंदर तरीके से तैयार किया गया है। यहां ढेर सारी मूर्तियां अपनी कहानी कहती हुई दिखाई देने वाली है। खास बात तो यह है कि यह मूर्तियां श्रद्धालुओं को बोल कर अपनी कहानी सुनाएंगी। इसके लिए न्यूरल और स्कल्पचर पर एक खास तरह का क्यूआर कोड लगाया जाएगा। फिर ऑडियो डिवाइस की सहायता से आप इस मूर्ति से जुड़ी कहानी को सुन पाएंगे। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन करने के लिए आ रहे हैं उससे पहले ये तैयारी पूरी कर ली जाएगी।
11अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल गेट पर दीप प्रज्वलन करने के बाद दीवारों पर अंकित म्यूरल देखते हुए कमल सरोवर तक जाएंगे। यह पूरा कार्यक्रम शाम के समय आयोजित किया गया है क्योंकि शाम के वक्त यहां दृश्य और भी मनोरम होता है। महाकाल पथ के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम जनता को संबोधित भी करने वाले हैं।
महाकाल कॉरिडोर में प्रवेश करने के बाद श्रद्धालु अगर वहां लगी किसी मूर्ति के बारे में जानना चाहता है और उसका इतिहास पता लगाना चाहता है तो नंदी द्वार के पास बने हुए ऑफिस से ऑडियो डिवाइस को लिया जा सकता है। इसके अलावा मोबाइल में उमा एप्लीकेशन की मदद से भी मूर्तियों के जानकारी प्राप्त की जा सकती है। श्रद्धालुओं को मूर्ति या म्यूरल के नीचे लगाए गए क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा, जिसके बाद सारी जानकारी ऑडियो के माध्यम से सुनाई देगी।
शिव की महिमा से जुड़ी इस जानकारी का कंटेंट पूरी तरह से तैयार है। ऑडियो डिवाइस भी रेडी है लेकिन अभी आवाज तय नहीं की गई है। महाकाल कॉरिडोर में 200 मूर्तियां 80 स्कल्पचर और 52 म्यूरल लगाए गए हैं। ये सभी भगवान शिव की कहानी बताते हैं। इनसे जुड़े ऑडियो डिवाइस में हिंदी, इंग्लिश, गुजराती और मराठी में जानकारी मिलेगी। फिलहाल इन चार भाषाओं पर काम किया जा रहा है। आगे चलकर अन्य भाषाओं में भी जानकारी उपलब्ध होगी।
श्रद्धालु अपने मोबाइल में उमा नाम का ऐप डाउनलोड कर किसी भी म्यूरल और मूर्ति पर लगे कोड को स्कैन कर शिव की महिमा सुन सकते हैं। क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद यहां बड़ी और छोटी कहानी सुनने के ऑप्शन भी दिए जाएंगे। इस काम के लिए ऑडियो डिवाइस महाकाल मंदिर पहुंच चुके हैं। यहां पर सबसे बड़ा म्यूरल शिव विवाह और सप्तऋषि का लगाया गया है।
महाकाल कॉरिडोर में श्रद्धालुओं के लिए कई सारी सुविधाएं तैयार की गई है। कॉरिडोर के तैयार होने के बाद दर्शन आसान हो जाएंगे और दर्शन के साथ लोग अन्य पर्यटन भी कर सकेंगे। कैंपस में घूमने फिरने, ठहरने और आराम करने की तमाम तरह की सुविधाएं दी गई है। 30 सितंबर तक यहां उपलब्ध सभी काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद महाकाल मंदिर का क्षेत्रफल 43 हेक्टेयर का हो जाएगा।