लूटी का लूटकांड! दो समितियों में खेल……

करोड़ों की संपत्ति का राज अगले अंक में
सतना। मेहुती सेवा सहकारी समिति का नाम इन दिनों भ्रष्टाचार की दलदल में गहरे धंसा हुआ है। इस घोटाले के केंद्र में है समिति के सहायक प्रबंधक कपिल देव त्रिपाठी उर्फ लूटी, जिन्होंने अपनी कुर्सी का इस्तेमाल सिर्फ किसानों की मदद के लिए नहीं, बल्कि अपनी तिजोरी भरने के लिए किया।
उपार्जन-ॠण वितरण में लाखों का गबन।
सूत्र बताते हैं कि लूटी ने उपार्जन में भारी अनियमितताएं और ऋण फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए का बंदरबांट किया। खास बात यह है कि कपिल देव त्रिपाठी उर्फ लूटी मेहुती समिति के प्रबंधक तो है, लेकिन उनका हाथ प्रतापपुर समिति के घोटालों में भी गहरे धंसा हुआ है। बताया जाता है कि प्रतापपुर समिति के प्रबंधक दिनेश पाण्डेय उनके समधी है और दोनों मिलकर योजनाओं का ‘खेल’ रचते रहे।
अन्नदूत भी हथिआया।
इतना ही नहीं, लूटी ने अपने बेटे के नाम पर अन्नदूत वाहन तक हथिया लिया, जिसका इस्तेमाल सरकारी अनाज के परिवहन के नाम पर हेरफेर में किया जाता है। हर महीने राशन में हेरफेर कर लाखों की काली कमाई की जा रही है। यह भी चर्चाओं में है कि इस खेल से उन्होंने बेनामी संपत्ति खड़ी कर ली है, जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।
रेवांचल रोशनी अगले अंक में यह राज खोलेगा कि लूटी ने कितनी जमीनें खरीदीं, कितने आलीशान मकान बनाए और किसके संरक्षण में यह सारा खेल चलता रहा।