नई दिल्ली: निर्भया केस में 7 साल से इंसाफ का इंतजार हो रहा है और अब सुगबुगाहट है कि दिल्ली में गैंगरेप केस के चारों दोषियों को जल्द फांसी दी जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। ये खबर तिहाड़ में बंद दरिंदों तक पहुंची तो उनकी नींद उड़ गई है।
दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की उस सर्द रात के गुनहगार और निर्भया केस के दोषी फांसी से पहले तड़प रहे हैं। शायद बिलकुल वैसे ही जैसे निर्भया तड़पी होगी। दरिंदे अजब-गजब तर्क देकर जान की भीख मांग रहे हैं। शायद जैसे 7 साल पहले इनके चंगुल में फंसी निर्भया ने गुहार लगाई होगी। 7 साल के इंतजार के बाद अब निर्भया को इंसाफ मिलने की बारी आई है। चारों पापियों को जल्द फांसी की सुगबुगाहट क्या तेज हुई। सूत्रों के मुताबिक तिहाड़ की बैरक में इनकी नींद उड़ गई है। खाना-पीना हलक से नीचे नहीं जा रहा। इधर तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को फांसी की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। चारों दोषियों के हेल्थ चेकअप हर 24 घंटे में कराए जा रहे हैं। 8 लोगों की टीम बनाकर दोषियों की लगातार निगरानी की जा रही है। चारों दोषियों को एक ही सेल में रखा गया है।
तिहाड़ की व्यवस्था के हिसाब से जेल नंबर तीन में फांसी दी जाती है। यहां अफजल गुरु के बाद से किसी को फांसी नहीं दी गई है। जेल प्रशासन ने फांसी घर तैयार करा लिया है। फांसी के समय किसी असुविधा से बचने के लिए तिहाड़ प्रशासन ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी की है। मैकेनिक बुलाकर अपराधी के खड़ा होने के लिए बनाए गए तख्ते और फांसी के लीवर की पूरी जांच की गई है। बिहार के बक्सर में फांसी के फंदे तैयार कराए गए हैं। वहीं, तिहाड़ जेल ने यूपी सरकार से 2 जल्लाद मांगे हैं।
हालांकि तिहाड़ प्रशासन ने अधिकारिक तौर पर इस बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दी है। लेकिन लोग लगातार दोषियों को जल्द फांसी की मांग कर रहे हैं। इस केस की बात करें तो दिसंबर 2012 में हुए निर्भया दुष्कर्म मामले में छह आरोपी शामिल थे, जिनमें से एक नाबालिग था, नाबालिग आरोपी को 18 साल का होने पर छोड़ दिया गया था। वहीं, राम सिंह नाम के अपराधी ने 2013 में तिहाड़ जेल में ही फांसी लगा ली थी.. इसके अलावा चार अपराधी फांसी की सजा पाने के बाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील कर चुके हैं, लेकिन उनकी अपील खारिज हो चुकी है। चारों दोषियों में से एक विनय शर्मा ने चार नवंबर को राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की थी, जिसे दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार खारिज करने की सिफारिश भी कर चुकी है। अब राष्ट्रपति के फैसले का इंतजार है।