Home मध्यप्रदेश जिले में कुपोषण का एक बार फिर आया नया मामला,सीएम ने लिया सज्ञान,जिले में मची खलबली

जिले में कुपोषण का एक बार फिर आया नया मामला,सीएम ने लिया सज्ञान,जिले में मची खलबली

16 second read
Comments Off on जिले में कुपोषण का एक बार फिर आया नया मामला,सीएम ने लिया सज्ञान,जिले में मची खलबली
0
49

सतना जिले में कुपोषण का एक और नया मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कुपोषण पर किए गए ट्वीट के 6 दिनों के अंदर सतना के चित्रकूट नगर परिषद क्षेत्र में कुपोषित बालिका मिलने से खलबली मच गई है। आनन-फानन में बालिका को जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के मुताबिक, मझगवां विकासखण्ड अंतर्गत चित्रकूट नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 13 में पथरा की सुहांगी आदिवासी बस्ती में एक 7 वर्षीय बालिका कुपोषण का शिकार पाई गई है। बालिका का शरीर बेहद कमजोर अवस्था में है। हालांकि बोलने में वह बहुत तेज है, लेकिन शारीरिक कमजोरी के कारण अन्य गतिविधियों में बेहद सुस्त है।

चित्रकूट नगर परिषद अंतर्गत जिस क्षेत्र में यह बस्ती आती है, वहां दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। लेकिन बालिका की स्थिति देख कर ऐसा लगता है मानो उसके कुपोषण को दूर करने के सरकारी प्रयास नहीं किए गए। हालांकि आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए बच्चों की देखभाल का जिम्मा संभालने वाला महिला बाल विकास विभाग इस बालिका की हालत को आंगनबाड़ी की लापरवाही का मामला नहीं मानता।

एक साल में हुई कुपोषित

विभागीय लोगों का कहना है कि आंगनबाड़ी में सिर्फ 6 वर्ष तक के बच्चों की देखरेख होती है। उसके बाद बच्चे शाला प्रवेशी माने जाते हैं। जहां उनके खान पान के लिए मध्याह्न भोजन का प्रबंध किया जाता है। यह बालिका 7 वर्ष की है। जानकारों का कहना है कि बालिका की हालत देख कर समझा जा सकता है कि यह अभी की कुपोषित नहीं है, बल्कि पिछले काफी समय से इसका शिकार है। उस समय मे आंगनबाड़ी ने क्या केयर की? कितना फॉलोअप लिया? यह बड़ा प्रश्न है।

परिजन कहते हैं कि उन्हें राशन मिलता है। जब बालिका को मझगवां अस्पताल ले जाया जाता है तो वहां जांच के बाद भर्ती करने को कह दिया जाता है। सोमवती की मौसी सीमा ने बताया कि वह 3 वर्ष से बीमार चल रही है, उसे दो बार भर्ती भी कराया जा चुका है। हर बार भर्ती कराने के कारण मजदूरी करने भी नहीं जा पाते। इसलिए उसे वापस ले जाते थे।

आईसीयू में भर्ती कुपोषित बालिका

मामला सुर्खियों में आने के बाद बालिका को जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी सौरभ सिंह खुद जिला अस्पताल उसे भर्ती कराने पहुंचे। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कारखुर से बालिका का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया और उसे मेडिकल टीम की निगरानी में रखा गया है।

मां भी छोड़ गई, नानी के यहां रहती है बालिका

बताया जा रहा है कि जिस कुपोषित बालिका को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह अपनी नानी के पास रहती है। जिला अस्पताल में भी उसकी देखरेख करने के लिए मौसी साथ आई है। उसके पिता यूपी के रहने वाले हैं, उसका जन्म भी यूपी में हुआ, लेकिन कुछ समय बाद उसकी मां भी उसे नानी के पास छोड़ कर चली गई। तब से उसकी देख रेख नानी और मौसी ही कर रही हैं। विभागीय लोगों की मानें तो उसका पंजीयन भी यूपी में ही रहा होगा।

दरअसल, सतना जिले का मझगवां ब्लॉक क्षेत्र कुपोषण के मामले में सबसे ज्यादा बदनाम है। यहां आदिवासी बस्तियों में ऐसे तमाम मामले सामने आते रहे हैं। चित्रकूट क्षेत्र इसी ब्लॉक के अंतर्गत आता है। यहां कुपोषण मिटाने के लिए तमाम सरकारी कार्यक्रम- योजनाएं चल रही हैं, कई एनजीओ भी अपना कारोबार कुपोषण के नाम पर चला रहे हैं, लेकिन इस कलंक से मुक्ति फिर भी नहीं मिल सकी है।

Load More Related Articles
Comments are closed.

Check Also

मैहर में मोबाइल ब्लास्ट, दो बच्चे झुलसे

Author Recent Posts admin Latest posts by admin (see all) राज्य सरकार की बड़ी तैयारी, जल्द…