नामांतरण में भी सौदेबाजी जानकारी
सरकारी जमीनों को बेचने के जो मामले सामने आए हैं कोलगवां हल्के की आराजी नंबर 91/6/8 का रकबा 2 एकड़ का नामांतरण हो चुका है जबकि कवर नाम टॉकीज के सामने बांध की 32 एकड़ सुगरा बेगम के नाम दिए गए आदेश पर नामांतरण नहीं हो पाया है इसी तरह इसी हल्के की दूसरी भूमि 236/1 का मामला भी नामांतरण में फिलहाल उलझा हुआ है इसी तरह 235-238, 160,161,162 के अलावा सतना मोजा की आराजी क्रमांक 136/1,137 के अंश भाग 32175 तथा 12400 वर्ग फीट भूमि नियम विरुद्ध तरीके से निजी स्वामित्व में कर दी गई थी जबकि नजूल अधिकारी के प्रतिवेदन को नजरअंदाज कर ऐसा आदेश दिया गया जो अब विधानसभा तक पहुंच चुका है।
सतना की राजनीति में सक्रिय एक प्रदेश पदाधिकारी व एक जिला पदाधिकारी भी फर्जी कमाई में लिप्त,
सरकारी जमीनों को निजी स्वामित्व में किए जाने के प्रकरणों में पूर्व के जिले के बड़े अधिकारी भर ही नहीं बल्कि यहां के भाजपा के वरिष्ठ नेता भी लिप्त हैं। सूत्र बताते हैं कि पार्टी के एक प्रदेश पदाधिकारी और जिले के एक जिम्मेदार पदाधिकारी के दबाव में यह सारा खेल खेला गया है जो आम जनमानस के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मुद्दे को लेकर कहीं ना कहीं पार्टी संगठन में भी मतभेद सामने आ रहे हैं।