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अमित मिश्रा सतना……
4.5 फीट की प्रतिमा पर विष्णु के 10 अवतार, ॐ, स्वास्तिक, शंख-चक्र भी मौजूद
अयोध्या। 22 जनवरी को अयोध्या के श्रीराम मंदिर में स्थापित होने वाली रामलला की प्रतिमा की पहली पूरी तस्वीर प्राण-प्रतिष्ठा से 3 दिन पहले गुरुवार को सामने आई। काले पत्थर से बनी इस मूर्ति में भगवान का विहंगम स्वरूप दिखाई दे रहा है। 5 साल के रामलला के चारों तरफ आभामंडल बनाया गया है। कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने इसे एक ही पत्थर से बनाया है। पत्थर को कहीं जोड़ा नहीं गया है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी प्रतिमा की आंखों से कपड़े को हटाएंगे। इसके बाद रामलला को शीशा दिखाएंगे। फिर सोने की सलाई से काजल लगाएंगे।
18 जनवरी को सामने आई थी आधी कवर प्रतिमा
18 जनवरी यानी गुरुवार शाम को गर्भगृह के आसन में रखे जाने के बाद रामलला की पहली तस्वीर सामने आई थी। इस तस्वीर में भगवान की आधी प्रतिमा कपड़े से कवर की हुई थी। चेहरे पर पीले रंग का कपड़ा बंधा हुआ था। जबकि नीचे सफेद रंग का कपड़ा बंधा हुआ है। रामलला को गुरुवार को गर्भगृह में आसन पर स्थापित होने के बाद वर्कशाप की तस्वीरें वायरल हुईं। इसमें रामलला बाएं हाथ से धनुष पकड़ेंगे। अभी उनके बाएं हाथ को धनुष-बाण पकड़ने की मुद्रा में दिखाया गया है। प्रतिमा पर अभी धनुष-बाण नहीं लगाया गया है। भगवान के सिर पर सोने का मुकुट पहनाया जाएगा। प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान चौथे दिन भी जारी हैं।
कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है प्रतिमा
रामलला की प्रतिमा तैयार करने वाले कर्नाटक के 37 साल के अरुण योगीराज मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं। मैसूर यूनिवर्सिटी से एमबीए अरुण को बचपन से प्रतिमाएं बनाने का शौक था। अरुण योगीराज ने ही जगदगुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का भी निर्माण किया था, जिसे केदारनाथ में स्थापित किया गया है। इंडिया गेट पर 2022 में स्थापित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी अरुण ने ही बनाई है।
3 प्रतिमाएं बनवाई गई थीं रामलला की
गर्भगृह के लिए रामलला की 3 प्रतिमाएं बनवाई गई थीं। तीनों की लंबाई 51-51 इंच है। तीनों प्रतिमाओं में कमल आसन पर विराजमान रामलला के 5 साल के बाल स्वरूप को दर्शाया गया है। इनमें दो प्रतिमाएं दक्षिण के कलाकारों गणेश भट्ट और अरुण योगीराज ने बनाईं, जबकि एक राजस्थान के सत्यनारायण पांडेय ने बनाई है। दक्षिण की मूर्तियां काले पत्थर की हैं। सत्यनारायण पांडेय की बनाई प्रतिमा संगमरमर की है।