हे श्रीराम! आपके मानवीय चरित्र में आपका वनवास 14 बरस का रहा, लेकिन हम अभागे इस दैहिक जीवन में 18 बरस से ज्यादा समय से एक ही पद पर काम कर रहे हैं। कई को तो 20 से 25 वर्ष हो गए, वहीं कई एक ही पद से रिटायर होकर आपके श्रीचरणों में विलीन तक हो गए। ये पीड़ा प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले आबकारी विभाग के कर्मचारियों और अफसरों की है। प्रमोशन की बाट जोह रहे कर्मचारियों ने और अफसरों ने अपनी ये पीड़ा जाहिर करते हुए भगवान श्रीराम को चिट्ठी लिख डाली।
आबकारी सबइंस्पेक्टरों का कहना है कि वे 18 साल एक ही पद पर काम कर रहे हैं। अन्य विभागों में भर्ती साथ के अधिकारी तो डिप्टी कलेक्टर तक बन चुके, लेकिन अब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे सबइंस्पेक्टरों की संख्या 134 है। इनके पदनाम बदलने के साथ ही 300 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को फायदा होगा। एक अधिकारी का कहना है कि जनवरी 2013 में उपनिरीक्षक से जिला सहायक आबकारी अधिकारी पद पर डीपीसी में स्वीकृति भी मिल चुकी है। विभागीय मंत्री ने अनुशंसा कर फाइल मंत्रालय में भेज दी। हालांकि वहां से अब तक आदेश जारी नहीं हुआ।
हमारी मांग जिला सहायक अधिकारी के पदनाम की है। इससे सरकारी खजाने पर वित्तीय भार भी नहीं आएगा। इसके चलते भगवान श्रीराम के नाम एक पाती लिखकर इसे शुक्रवार को डिप्टी सीएम और आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा, प्रमुख सचिव व आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव को भेजने के साथ ज्ञापन भी सौंपा।
ये लिखा श्रीराम के नाम पाती में……हे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम! आज हम सभी आपके द्वार एक आशा लेकर आए हैं। ऐसा सुनिश्चित है कि तेरे स्मरण मात्र से समस्त प्राणियों के सभी दुखों का नाश हो जाता है। प्रभु, वर्तमान युग में हर्ष का विषय, दैहिक प्रसन्नता और आनंद से परिपूर्ण उत्सवी माहौल है। अब आप टेंट से दिव्य और भव्य मंदिर में प्रतिष्ठित हो रहे हैं। आपके मानवीय चरित्र में आपका वनवास 14 वर्षों का रहा, किंतु हम अभागे इस दैहिक अवस्था में विगत 18 वर्ष से एक ही पद पर कार्यरत हैं। हमारे कई साथी 20 तो कोई 25, 28 वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत है और कई सेवानिवृत्त होकर आपके श्रीचरणों में विलीन हो गए। प्रभु श्रीराम, हम विभाग के सभी कर्मचारी, आरक्षक, मुख्य आरक्षक, उप निरीक्षक एवं अन्य साथी आपसे करबद्ध प्रार्थना करते हैं कि इस दैहिक अवस्था के शासकीय कर्त्तव्यों में शीघ्र पदोन्नति मिले, ऐसा आशीर्वाद प्रदान करें।