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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, शादी से पहले प्रेमिका के साथ होटल के कमरे या लिव-इन रिलेशनशिप में रहना कोई अपराध नहीं

मद्रास: देश में रोजाना सामने आ रहे बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाओं बाद अब पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। इसी बीच प्रेमी जोड़ों को लेकर मद्रास हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एक अहम मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि किसी अविवाहित जोड़े का होटल के कमरे में एकसाथ रहना कोई आपराधिक काम नहीं कहलाएगा। इस दौरान हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहना भी अपराधिक प्रकरणों के दायरे में नहीं आता है।


दरअसल हरियाणा के गुरुग्राम की ‘माई प्रिफर्ड ट्रांसफॉर्मेशन एंड हॉस्पिटेल्टिी प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा संचालित एक अपार्टमेंट में अनैतिक गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और राजस्व विभाग ने दबिश देकर मौके से अविवाहित जोड़ों को संदिग्ध अवस्था में गिरफ्तार किया था। पुलिस की टीम ने मौके से शराब की बोतलें भी बरामद की थी। इसके बाद पुलिस ने इस अपार्टमेंट को सील कर दिया था। मामले में ‘माई प्रिफर्ड ट्रांसफॉर्मेशन एंड हॉस्पिटेल्टिी प्राइवेट लिमिटेड’ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।


मामले में सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस रमेश ने आदेश देते हुए कहा है कि दो विपरीत लिंग के अविवाहित कपल को होटल में मेहमान के तौर पर रहने के खिलाफ कोई कानून या नियम नहीं है। इसलिए ऐसी अवस्था पाए जाने पर जोड़े पर कोई कानूनी प्रकरण नहीं बनता है।

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