इंदौर. इंदौर में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इंदौर में बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने 30 मार्च को 3 दिनों कापूर्ण लॉक डाउन घोषित किया है। जिसके 24 घंटे बीत चुके हैं। बचे हुए 48 घंटों में अगर इंदौरवासी लॉकडाउन का सख्ती से पालन नहीं करते हैं तो शहर के तीसरे स्टेज में पहुंचने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
48 घंटे अहम
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर इंदौरवासी 48 घंटे तक लॉकडाउन का सख्ती से पालन करते हैं तो हम कोरोना वायरस के चेन को तोड़ सकते हैं। जिससे कम्युनिटी स्पेडिंग का खतरा टल जाएगा। इसलिए आप घर में सुरक्षित रहकर खुद को औऱ शहर को बचाएं।
इंदौर की स्थिति नाजुक
प्रदेश में सबसे नाजुक स्थिति इंदौर की है। सोमवार को इंदौर में दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई। प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 47 पहुंच गई है। सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज अकेले इंदौर में हैं। ऐसे में विशेषज्ञों ने दावा किया है कि अगर कोरोना को तीसरे स्टेज में पहुंचने से रोकना है तो आने वाले 48 घंटे सबसे अहम हैं।
क्या है कोरोना का तीसरा स्टेज?
मध्यप्रदेश समेत देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। अगर मामले इसी तरह से बढ़ते रहे तो संभावना जताई जा रही है कि कोरोना वायरस अपने तीसरे स्टेज पर पहुंच जाएगा। तीसरे स्टेज का अर्थ है सामुदायिक संक्रमण। तीसरे स्टेज में कोरोना का संक्रमण आम जनजीवन के बीच फैल सकता है। मतलब इस स्टेज में सोर्स का पता नहीं होता है कि आखिर व्यक्ति कैसे कोरोना संक्रमण में आया। इसके साथ-साथ ये भी पता लगा पाना संभव नहीं होता है कि संक्रमित व्यक्ति कितने लोगों से मिला और फिर वो व्यक्ति कितने लोगों से मिला।
क्या है कम्यूनिटी ट्रांसमिशन
आईसीएमआर के अनुसार कोरोना वायरस फैलने के चार स्टेज हैं। जिसका तीसरा स्टेज सामुदायिक संक्रमण यानी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन है। इसमें कोरोना वायरस के संक्रमण का सोर्स नहीं पता चलता, इसलिए हम उसे पकड़ नहीं सकते।
इसलिए खतरनाक होता है तीसरा स्टेज
सामुदायिक संक्रमण में कोई व्यक्ति किसी ज्ञात कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना ही इसका शिकार हो सकता है। कोरोना वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो सकता है. इस स्टेज में कोरोना का संक्रमण लोगों के बीच जाने-अनजाने फैलना शुरू हो जाता है। तीसरे स्टेज से बचने का एक मात्र विकल्प है लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। लॉकडाउन की वजह से हर आदमी घर में बंद है. ऐसे में जो आदमी किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं आया है वह कोरोना से सुरक्षित है।