सतना। कांग्रेस में सुस्त जिला अध्यक्ष के रूप में चर्चित दिलीप मिश्रा इन दिनों फिर से विवादों में घिरे हुए हैं। श्री मिश्रा इन दिनों शराब माफिया की बातें कर रहे हैं। उनका आरोप है कि शराब माफिया ने आबकारी अधिकारी से जुगलबंदी करके ना केवल रुपया पैसा कमाया, बल्कि सरकार को लंबी राजस्व की चपत लगाई है। दिलीप मिश्रा वैसे कभी कांग्रेस के शासनकाल में परिवहन विभाग में काम करते थे। भरहुत नगर में परिवहन विभाग (आरटीओ)का दफ्तर था। उस दफ्तर में एक छोटा सा चेंबर उनका भी था।श्री मिश्रा उस वक्त चर्चा में ज्यादा आए जब रामनगर में डूब क्षेत्र में उन्हें काजू के पेड़ डूब जाने को लेकर मुआवजा मिला था। पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह की सरपरस्ती में उन्होंने राजनीति की लंबी पारी खेली और काजू के सफल किसान भी बने। जनपद की राजनीति में भी उन्होंने जमकर मौज की।
लेकिन लगातार शराब माफिया के खिलाफ उनकी बयानबाजी लोगों को इस गर्मी के मौसम में पच नहीं रही है। तमाम बयानातो में तोहमत लगाई जा रही है कि श्री मिश्रा शराब माफिया और उस विभाग के अफसरों से मोटी रकम बतौर कमीशन लेते थे। तब तक वह चुप रहते थे। अब कमीशन बंद हो गया तो वह मुखर हो गए। दिलीप मिश्रा की राजनीति में साफ-सुथरी बात यह है कि उन्होंने अभी तक कांग्रेस के उत्थान के लिए कोई ऐसे कारगर कदम नहीं उठाए जिससे उन्हें लंबे समय तक कांग्रेस में अध्यक्ष बने रहने के लिए याद किया जाएगा। उन्हें याद इसलिए किया जाएगा कि उन्होंने कांग्रेस में रहकर सिर्फ अपना धंधा चलाया।भरहुत नगर में एक आलीशान बंगले में रहने वाले कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दिलीप मिश्रा यूं तो वाणी से बहुत सरल और लचीले हैं, लेकिन छुपे रुस्तम भी नजर आते हैं। इनकी खासियत यह भी है कि वह अपनी गाड़ी में अकेले चलते हैं। वह अकेले क्या करते हैं यह भी बड़ा सवाल है। उन्हें सतना में कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में बहुत कम देखा जाता है।कई बार हल्लाउड़ा की पार्टी होना उन्हें जिला अध्यक्ष के पद से हटाने वाली है, लेकिन पार्टी ने कदम इसलिए भी खींच लिया क्योंकि वह खुद इस समय नेपथ्य में है।,,
वही आबकारी अधिकारी के ऊपर लगातार आरोप लगाने वाले मिश्रा जी को पहले कांग्रेस की सरकार के समय मे कोई बुराई नही दिखी,, लोग कहते हैं सरकार की धमकी दिखाकर अधिकारी महोदय से काफी माल लिया गया है और अब न मिलने पर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं।