सतना में 17 निजी स्कूलों पर 36 लाख का जुर्माना, एनसीईआरटी की जगह निजी प्रकाशकों की किताबें चलाना पड़ा महंगा…..

सतना। जिले के प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी अब भारी पड़ने लगी है। शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलाने वाले 17 स्कूलों पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 36 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया है। यह कार्रवाई कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस के निर्देशन में गठित जांच टीमों की रिपोर्ट के आधार पर की गई।
प्रशासन की सख्ती, स्कूलों की मनमानी पर नकेल
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने दो प्रशासनिक जांच टीमें गठित की थीं, जिनमें एक टीम का नेतृत्व एसडीएम राहुल सिलाडिया एवं दूसरी का एसडीएम स्वप्निल वानखेड़े कर रहे थे। इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग की टीम भी जांच में शामिल रही, जिसमें डीईओ टीपी सिंह, एडीपीसी आलोक सिंह एवं मान्यता प्रभारी राजीव अर्गल प्रमुख रूप से शामिल थे।
टीमों द्वारा स्कूलों से किताबों की चेकलिस्ट मांगी गई और उसे पोर्टल पर दर्ज सूचनाओं से मिलाया गया। जांच में यह सामने आया कि कोई भी स्कूल एनसीईआरटी की पुस्तकें नहीं चला रहा था, जबकि शासन द्वारा इसका स्पष्ट निर्देश है। इसके साथ ही स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर यूनिफॉर्म व अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीदने का भी दबाव डाला जा रहा था।
इन स्कूलों पर लगा अर्थदंड
जिन स्कूलों पर कार्रवाई की गई है, उनमें शामिल हैं:
- 2-2 लाख रुपए जुर्माना: माउंट लेट्रा जी स्कूल, ब्लूम्स एकेडमी, सेंट माइकल सीनियर सेकंडरी, एकेडमिक हाईट्स, द विट्स, डी पॉल, प्रियम्बदा बिरला, चाणक्य पब्लिक, क्राइस्ट ज्योति, द लवडेल, बोनांजा कान्वेंट, डीपीएस, सीएमए स्कूल, भारतीय विद्या भवन, सदगुरु पब्लिक स्कूल, स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल
- 4 लाख रुपए जुर्माना: गुरुकुलम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, टिकुरिया टोला
7 दिन में राशि जमा करने का आदेश
कलेक्टर ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे 7 दिनों के भीतर अर्थदंड की राशि जिला शिक्षा विभाग के खाते में जमा कराएं और उसका पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
डीईओ का बयान,
टीपी सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी, ने बताया कि अभिभावकों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जांच में पुष्टि होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की गई है। अब सभी स्कूलों को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम अपनाना होगा।