भोपाल

5 साल तक की सजा वाले सभी कैदियों को छोड़ने के आदेश, इतने दिन रहेंगे बाहर

भोपाल/ देशभर में कोरोना वायरस का असर तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, मध्य प्रदेश में भी दिन ब दिन कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में अब तक 39 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, देशभर में कोरोना के संक्रमितों का आकड़ा 950 के पार जा पहुंचा है। कोरोना का असर लोगों के स्वास्थ और अर्थ व्यवस्था पर ही नहीं पड़ रहा, बल्कि इसका असर अब जेल में रह रहे बंदियों की कैद पर भी पड़ रहा है। दरअसर, सोशल डिस्टेंसिंग को कायम रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल प्रशासन को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

45 दिन पैरोल पर रहेंगे ये कैदी

आदेश के मुताबिक, मध्य प्रदेश की जेलों में 5 साल तक की सजा काटने वाले कैदियों को जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। उन्हें 45 दिन की पैरोल देने के आदेश दिये गए हैं। कोरोना संक्रमण से लोगों के बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है। जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस संजय यादव, अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वीडियाे कॉन्फ्रेंसिंग में ये निर्देश दिए हैं। बता दें कि प्रदेश की जेलों में करीब 12 हजार से ज्यादा कैदी 5 साल तक की सजा काट रहे हैं। आदेश के बाद इन सभी कैदियों को 45 दिन अपने अपने घरों में रहने के आदेश जारी हुए हैं।

इनको दी जाएगी खास रियायत

जेल मुख्यालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, 5 साल तक की सजा वाले आपराधिक मामलों में जेल के बंदियों की ओर से अर्जी अदालत में पेश की गई थी। इसके बाद अदालत ये तय करेगी कि 45 दिन की पैरोल देनी है या नहीं। इसके अलावा जिन बंदियों की उम्र 65 साल हो चुकी है एवं गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें भी पैरोल दी जाएगी। जेल में बंद 50 साल तक की महिलाओं को भी पैरोल पर छोड़े जाने का आदेश दिया गया है। राजधानी के जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि, राज्य विधिक प्राधिकरण और जेल प्रशासन इस संबंध में काम कर रहे हैं।

जमानत के लिए अदालत में आवेदन पेश, न्यायधीश लेंगे फैसला

सेंट्रल जेल के आला अधिकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस के चलते सुप्रीमकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश में हाईपावर कमेटी गठित की। हालाही में लिया गया फैसला प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों का होना है। प्रदेश की 123 जेलों में 29 हजार कैदियों की क्षमता है, लेकिन मौजूदा समय में यहां 45 हजार कैदी बंद हैं। जिन कैदियों को छोड़ा जाएगा उसमें पांच साल और सात साल की सजा पाए कैदी शामिल होंगे। पहले चरण में भोपाल जेल से ऐसे ही 210 बंदियों की जमानत के आवेदन संबंधित कोर्ट में प्रस्तुत किए गए हैं। इन विचाराधीन बंदियों की जमानत पर फैसला कोर्ट करेगा। इस तरह प्रदेश की जेलों से 12 हजार बंदियों को छोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, आगामी तीन दिनों के भीतर इन बंदियों को छोड़ना है।

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