स्कूलों के ‘धंधे’ पर कलेक्टर की सख्ती, जांच दल करेगा छापामार कार्रवाई।

जिले में निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा के नाम पर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित किए जाने की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। विशेषकर, अभिभावकों को एक विशेष दुकान या स्थान से किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीदने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से बाध्य किया जा रहा है। इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर ने अब ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।
कलेक्टर ने निरीक्षण हेतु एक विशेष जांच दल का गठन किया है, जो आकस्मिक निरीक्षण करेगा। यह दल मध्य प्रदेश मान्यता अधिनियम 2017, संशोधित नियम 2020 तथा निजी विद्यालय फीस अधिनियम 2020 के अंतर्गत वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 की फीस संरचना की भी समीक्षा करेगा।
साथ ही यह भी जांचा जाएगा कि स्कूलों में प्रयुक्त पुस्तकें एनसीईआरटी अथवा आईएसबीएन नंबर वाली हैं या नहीं, अथवा मनमाने ढंग से निजी प्रकाशकों की किताबें थोप कर मुनाफा कमाया जा रहा है। आम नागरिक भी सूची में दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। दल द्वारा जांच के उपरांत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, जिस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।