साइबर सुरक्षा—हर नागरिक की जिम्मेदारी

अमित मिश्रा,
वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में जहां भौतिक युद्धों के साथ-साथ डिजिटल युद्ध भी एक गंभीर चुनौती बन चुके हैं, वहीं भोपाल पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी की गई हालिया साइबर सुरक्षा संबंधी सलाह अत्यंत सराहनीय और समयानुकूल है। सतना पुलिस द्वारा आम जनता तक इस संदेश को पहुंचाना न केवल जागरूकता का प्रमाण है, बल्कि यह भविष्य की सुरक्षा रणनीतियों की ओर भी इशारा करता है।
भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित तनाव की स्थिति में साइबर हमलों की आशंका नकारा नहीं जा सकता। ऐसे में जरूरी है कि न केवल सरकारी संस्थाएं, बल्कि आम नागरिक भी तकनीकी सतर्कता और जिम्मेदारी के साथ इंटरनेट का उपयोग करें। फर्जी कॉल, संदिग्ध ईमेल, नकली लिंक और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहें केवल व्यक्तिगत हानि ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकती हैं।


पुलिस द्वारा 1930 हेल्पलाइन नंबर जारी करना एक महत्त्वपूर्ण पहल है, लेकिन इसका प्रभाव तभी दिखेगा जब जनता इस पर सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया दे। केवल कानून-व्यवस्था की एजेंसियों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होगा। डिजिटल युग में हर नागरिक एक ‘साइबर सैनिक’ है, जिसकी सतर्कता से ही राष्ट्र की डिजिटल सीमाएं सुरक्षित रह सकती हैं।
अतः यह समय है कि हम सभी मिलकर न केवल तकनीकी साधनों से सुसज्जित हों, बल्कि साइबर नैतिकता और जिम्मेदारी को भी अपनाएं। जागरूक नागरिक ही एक सुरक्षित डिजिटल भारत की नींव रख सकते हैं।