मंत्री के क्षेत्र में सड़क न होने से मौत: आज़ादी के 78 साल बाद भी यही नियति?

अमित मिश्रा/सतना।
आज़ादी के 78 साल बाद भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा का अभाव……
सतना जिले में आज़ादी के 78 साल बाद भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा का अभाव कड़वी हकीकत है। जिले के नागौद तहसील के द्वारी गांव में सड़क न होने के कारण एक महिला ने समय पर अस्पताल न पहुँच पाने से दम तोड़ दिया। यह घटना आज़ादी के जश्न, तिरंगा यात्राओं और नेताओं के वादों की सच्चाई का आईना है।
हर साल झंडे लहराने, संविधान बचाने के दावे और ‘विकास’ के नारों के बीच हम उन गाँवों को भूल जाते हैं, जहाँ लोग कीचड़ से लथपथ पगडंडियों पर जिंदगी ढोते हैं। द्वारी की यह मौत कोई साधारण घटना नहीं है, यह सत्ता में बैठे नेताओं और शासन तंत्र के लिए चेतावनी है।
करोड़ों रुपये अमेरिका जैसी सड़कों के वादों में स्वाहा हो रहे हैं, लेकिन एक छोटी सी सड़क के अभाव में एक गरीब महिला की जान चली गई। क्या यही आज़ादी का अर्थ है? क्या सत्ता में बैठे नेता इतनी सस्ती मौतों की कीमत समझते हैं?
यह मौत किसकी जिम्मेदारी है?
सबसे पहले गाँव के सरपंच और सचिव की, जिन्होंने इस सड़क को प्राथमिकता में नहीं रखा। इसके बाद जिम्मेदार हैं वह अधिकारी, जो फाइलों में विकास के नक्शे बना कर खुद को विकास पुरुष-स्त्री घोषित कर बैठते हैं।
वही लोगों की माने तो सबसे बड़ी जिम्मेदारी राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी की बनती है। आप सत्ता का हिस्सा हैं, 24 घंटे लाल-हरी झंडी लगी गाड़ियों में चलने वाले नीति-नियंता हैं। आपकी विधानसभा में यह मौत आपके नेतृत्व पर प्रश्नचिह्न है।
क्या इस मौत की कीमत पर द्वारी को सड़क मिलेगी, या फिर नेताओं की संवेदनहीनता के बीच एक और गरीब की मौत बस आंकड़ा बनकर रह जाएगी?
यह घटना हमें झकझोरती है कि आज़ादी का अर्थ केवल तिरंगे लहराना या भाषण देना नहीं, बल्कि हर नागरिक को जीने लायक सुविधाएँ देना है। नेताओं और सरकार को याद रखना चाहिए कि विकास की असली परीक्षा खेतों और पगडंडियों पर होती है, न कि एयर कंडीशन सभागारों में।
अब समय है कि शासन-प्रशासन जवाब दे कि कब तक सड़क के बिना लोग मरते रहेंगे? और कब तक गरीबों की मौत पर नेताओं की राजनीति चमकती रहेगी?
यदि इस मौत पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती, तो आज़ादी के 78 साल बाद भी हम वही हैं, जहाँ पहले थे बुनियादी सड़कों के बिना, हांफती जिंदगी के साथ……
घटना पर पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने जताई गहरी चिंता, जारी किया बयान।