राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी के विरोध में पुतला दहन, रॉयल राजपूत संगठन ने दी चेतावनी।

समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन की राणा सांगा पर की गई विवादित टिप्पणी के खिलाफ सतना शहर में जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन हुआ। रॉयल राजपूत संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने उनकी शव यात्रा निकालकर सर्किट हाउस चौराहे पर पुतला दहन किया।

रॉयल राजपूत संगठन जिला अध्यक्ष नीरज सिंह ने कहा की राणा सांगा, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए 100 से अधिक युद्ध लड़े और गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद हार नहीं मानी, उनके प्रति असम्मानजनक भाषा का प्रयोग कर सांसद सुमन ने पूरे राजपूत समाज की भावनाओं को आहत किया है। इस अपमानजनक बयान के खिलाफ संगठन ने उनकी संसद सदस्यता समाप्त करने और देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
राजपूत समाज के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि सांसद सुमन के विरुद्ध कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन जारी रहेगा। इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लोग उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से सुरेश सिंह प्रताप सिंह, धेरेन्द्र सिंह, पीडी सिंह, सत्येंद्र सिंह कचनार, भूपेंद्र सिंह, शरद सिंह, अभय सिंह, बालजी सिंह, तेजभान सिंह, संजय सिंह, सुरेंद्र सिंह, धीरेश सिंह, आरती सिंह जिलाध्यक्ष, वंदना सिंह, बिमला सिंह, सोनाक्षी सिंह, श्रद्धा सिंह, अमित सिंह, सौरभ सिंह,राजीव सिंह, राधे सिंह, अवध सिंह, सहेन्द्र सिंह, समर सिंह, उमेश सिंह, किस्सू सिंह, मिंटू सिंह, विवेक सिंह, श्यामेन्द्र सिंह, पियूष सिंह, अनुराग सिंह, हरीश सिंह, पवन सिंह, राजेश सिंह, शुभम सिंह घोरहती, विजय सिंह, नीलेन्द्र सिंह, संतोष सिंह, गोलू सिंह,अमन सिंह, श्याम सिंह, दीपू सिंह, राजू सिंह,विक्रम सिंह, आदित्य सिंह, जीतेन्द्र सिंह, सचिन सिंह, रामबहादुर सिंह, अभय सिंह, डेविड सिंह, संगठन के पदाधिकारी शामिल थे।
रॉयल राजपूत संगठन ने एकजुटता दिखाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि समाज अपने गौरवशाली इतिहास और वीरों का अपमान सहन नहीं करेगा। संगठन ने सरकार से मांग की कि सांसद सुमन के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए, अन्यथा आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।

रॉयल राजपूत संगठन ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही माफी नहीं मांगी गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि राणा सांगा केवल राजपूत समाज ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के गौरव हैं, और उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल भी तैनात रहा, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। संगठन ने सरकार से भी मांग की कि ऐसे बयानों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।