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सामान्य कृषक परिवार से आकर समाज और राजनीति में बनाई अपनी अलग पहचान।

गेस्ट ऑफ़ द वीक प्रदीप समदरिया…

कृषक से राजनेता बने प्रदीप समदरिया की कहानी संघर्ष, मेहनत और समाज सेवा का उदाहरण है। एक सामान्य कृषक परिवार से आकर उन्होंने जिले भर में समाज और राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई है।

हाटी रेलवे स्टेशन की स्थापना से लेकर कांग्रेस संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने तक, उन्होंने हमेशा जनता और पार्टी के लिए खुद को समर्पित करने का प्रयास किया है।

प्रदीप का जन्म ग्राम मटीमा हाटी में एक प्रतिष्ठित वैद्य परिवार मे हुआ, उनके दादा क्षेत्र के प्रख्यात वैद्य थे। जहां सैकड़ो लोग अपने उपचार के लिए जाते थे, एवं वेद जी द्वारा उनका निशुल्क उपचार किया जाता था,

पिता श्री रामचंद्र द्विवेदी समदरिया एक किसान थे, और प्रदीप उनके बड़े बेटे हैं। बचपन से ही प्रदीप समाज के प्रति संवेदनशील थे। वे गरीबों और किसानों की समस्याओं को करीब से देखते और समझने का प्रयास करते थे यही कारण था कि उन्होंने महज 19 वर्ष की उम्र से ही समाज सेवा में सक्रिय रूप से कार्य करना शुरू कर दिया।

शुरुआती दौर मे प्रदीप जिला मुख्यालय में जनता की मांगों को लेकर 6 दिन अनशन पर बैठे रहे जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर द्वारा उनकी मांगे जल्द पूरे करने का आश्वासन देकर अनशन सम्पत कराया गया।

19 साल की उम्र में प्रदीप ने हाटी रेलवे स्टेशन की स्थापना के लिए तीन बड़े आंदोलन किए। यह क्षेत्र के लोगों की एक बड़ी मांग थी, जिससे हजारों लोगों को आवागमन में सहूलियत मिल सकती थी। उनके अथक प्रयासों और संघर्षों के कारण अंततः रेलवे प्रशासन ने हाटी स्टेशन को मंजूरी दी, जिससे लगभग दो दर्जन गांवों को रेलवे की सौगात मिली। आज भी हाटी रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन सैकड़ों यात्री यात्रा करते हैं,
जिसके बाद रेलवे प्रशासन ने उनकी मेहनत को पहचानते हुए उन्हें टिकट काउंटर का भी दायित्व सौंपा।

समाज सेवा के कार्यों में सक्रियता के चलते प्रदीप समदरिया ने राजनीति में भी रुचि लेनी शुरू की। वर्ष 2010 में प्रतिमा-प्रदीप समदरिया ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता और इसके बाद योजना समिति के सदस्य भी बने।

वे शुरू से ही कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़े रहे और कांग्रेस की नीतियों को आगे बढ़ाने में योगदान दिया। उनकी मेहनत और समर्पण को देखते हुए पार्टी ने उन्हें कई महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया।

2018 – जिला कांग्रेस कमेटी के संगठन महामंत्री बने।

2019 – भारतीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के जिला अध्यक्ष नियुक्त हुए।

2022 – जिला कांग्रेस कमेटी के संगठन मंत्री बनाए गए।

तब से अब तक वे लगातार जिला कांग्रेस कमेटी के संगठन मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं और पार्टी के संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं।

राजनीति में अक्सर देखा जाता है कि चुनाव के दौरान कई नेता अपने व्यक्तिगत लाभ हानि के लिए सत्ताधारी दल की ओर रुख कर लेते हैं, लेकिन प्रदीप समदरिया ने हमेशा कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखी। वे उन चंद नेताओं में से एक हैं, जो तन, मन और धन से कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य करते हैं।

उनकी ईमानदारी और मेहनत का ही परिणाम है कि जिले में जब भी कांग्रेस पार्टी की बात होती है, तो प्रदीप समदरिया का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।

किसान परिवार से होने के कारण प्रदीप समदरिया को किसानों और गरीबों की समस्याओं की गहरी समझ है। वे हमेशा उनकी आवाज उठाने की प्रयास में लगे रहती हैं,
प्रदीप का सरल और विनम्र स्वभाव, वरिष्ठ नेताओं के प्रति सम्मान और युवाओं को आगे बढ़ाने की उनकी सोच ने उन्हें जिलेभर में युवाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया है।
पूरे जिले भर में कांग्रेस के बैनर तले प्रदीप अधिकांश तक कार्यक्रमों में पहुंचते हैं और अपनी सहभागिता निभाते हैं, इसी कारण प्रदीप कांग्रेस संगठन के साथ जिले भर में युवाओं की पसंद बने हुए हैं..

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