मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा शस्त्र घोटाला: सतना कलेक्ट्रेट में नियमों की अनदेखी का पर्दाफाश.!

सतना: मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शस्त्र लाइसेंस घोटाले की परतें खुल रही हैं। कलेक्ट्रेट की शस्त्र शाखा में नियमों को ताक पर रखकर लिपिकीय स्टाफ द्वारा गड़बड़ियां की गईं, जिनमें एडीएम के हस्ताक्षर भी कराए गए। हाल ही में जबलपुर एसटीएफ की जांच में यह मामला सामने आया।
यह मामला संजय त्रिपाठी (निवासी पौराणिक टोला, थाना सिविल लाइन) से जुड़ा है। उन्हें लाइसेंस क्रमांक 09/सिला/10 के तहत राइफल सरेंडर करने की शर्त पर रिवॉल्वर का लाइसेंस दिया गया था। बाद में, 5 अक्टूबर 2010 को डीएम के आदेशानुसार, रिवॉल्वर में खराबी के कारण 315 बोर की अतिरिक्त राइफल खरीदने की अनुमति दी गई। 8 अक्टूबर 2010 को एक और आदेश में अवर्जित बोर रिवॉल्वर बेचने और नया रिवॉल्वर खरीदने की अनुमति दी गई, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक स्वीकृति नस्ती में दर्ज नहीं थी।
दोनों आदेशों में एडीएम के हस्ताक्षर पाए गए। इस अनुमति के आधार पर 32 बोर रिवॉल्वर फील्ड गन फैक्ट्री, कानपुर से खरीदी गई और पंजी में दर्ज की गई। यह प्रक्रिया मध्यप्रदेश शासन की शस्त्र नीति का उल्लंघन पाई गई, जिस पर एफआईआर दर्ज की गई। एसटीएफ अधिकारी संतोष तिवारी ने डीएम को बताया कि इस मामले में आपराधिक प्रकरण दर्ज होने से लाइसेंस निलंबित करने का प्रतिवेदन दिया गया। यह खुलासा त्रिपाठी के लाइसेंस नवीनीकरण आवेदन की जांच के दौरान हुआ।