चित्रकूट विधायक निधि के काम सवालों में आए, आरईएस को जारी की गई राशि……
अमित मिश्रा/सतना।

एक ही नाले को कई हिस्सों में बांट कर टेबल टेंडर से करवाया गया काम, डेढ़ करोड़ से ज्यादा की राशि का खेल……
चित्रकूट (सतना)
चित्रकूट विधायक निधि से कराए जा रहे काम सवालों के घेरे में आ गए हैं। डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि वाले इन कामों को नियमों के विपरीत तरीके से, आपातकाल जैसी स्थिति बताकर, अपने लोगों को देने के लिए टुकड़ों में बांट दिया गया। नियमानुसार किसी एक काम का एक ही टेंडर निकाला जाना चाहिए, पर यहां एक ही नाले के काम को 10-10 लाख रुपए के हिस्सों में बांट कर अलग-अलग टेबल टेंडर जारी कर दिए गए।
नाला ट्रेंचिंग में बड़ा खेल
नाला ट्रेंचिंग के प्रस्तावों को देखने पर सामने आया कि एक ही काम को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित कर दिखाया गया। मसलन, ग्राम पंचायत पिपरी टोला सुतीक्षण आश्रम नाला में –
- छेदीलाल डोहर के बगीचे के पास से सुखीनंद तिवारी के खेत की ओर पहला काम दिखाया गया।
- दूसरा काम सुखीनंद तिवारी के खेत से भगवत आश्रम मचखड़ा की ओर।
- तीसरा काम भगवत आश्रम के पास से पंचायत भवन की तरफ।
- चौथा काम शांति भूषण पाण्डेय के खेत से सलैया रपटा तक।
- पांचवां काम सलैया रपटा से उदय सिंह के खेत तरफ हथिया नाला की ओर।
- इसके बाद कमलेश तिवारी के खेत तक और फिर शिवकुमार तिवारी के खेत तक काम स्वीकृत किया गया।
सभी काम एक ही नाले के हिस्से हैं, लेकिन इन्हें 10-10 लाख के अलग-अलग टेंडर में बांटकर नियमों के विपरीत टेबल टेंडर जारी कर काम कराए गए।
मिट्टी हटाने और गहरीकरण में भी गड़बड़ी
इसी तरह नाले की मिट्टी हटाने और गहरीकरण के कामों में भी खेल हुआ। उदाहरण के तौर पर, ग्राम पंचायत बड़खेड़ा में –
- पंचायत भवन से जगनंदन त्रिपाठी के खेत तक,
- फिर रमेश मिश्रा के खेत की ओर,
- आगे रामभवन द्विवेदी के खेत की ओर,
- और अंत में शांति भूषण के खेत से राजकरण द्विवेदी के खेत की ओर –
सभी जगह 2-2 लाख रुपए के छोटे-छोटे काम जारी कर दिए गए।
कैसे लागू की गई ‘आपातकालीन स्थिति’
जानकारों के अनुसार, सामान्य परिस्थितियों में किसी भी एक काम का एक ही टेंडर निकलता है। सिर्फ आपातकालीन परिस्थितियों (जैसे कोरोना काल) में ही किसी काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर टेबल टेंडर निकाला जा सकता है। लेकिन चित्रकूट में आपातकाल जैसी कोई स्थिति नहीं है। इसके बावजूद काम को मनमाने ढंग से बांट कर टेबल टेंडर किए गए, ताकि अपने लोगों को काम का लाभ दिलाया जा सके।
विधायक और आरईएस सवालों के घेरे में
चित्रकूट विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार द्वारा इन नाले से जुड़े कामों की अनुशंसा की गई थी। अब इन कामों में सामने आई गड़बड़ियों को लेकर विधायक पर भी सवाल उठने लगे हैं। विभाग की निर्माण एजेंसी आरईएस के अधिकारी भी जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं।
कलेक्टर से जारी हुई राशि, पर अधिकारी चुप
इन कामों की राशि कलेक्टर कार्यालय से आरईएस को जारी कर दी गई थी। अब जब मामला उजागर हुआ है, तो सभी जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही है।