रामनवमी पर रामलला का हुआ सूर्य तिलक, अभिजीत मुहूर्त में ललाट पर 4 मिनट पड़ी किरणें…..

अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब, राम जन्मभूमि परिसर में लंबी कतारें।
रामचरितमानस की चौपाई में तुलसीदास जी ने लिखा है कि रामलला का जब जन्म हुआ, तब सूर्य देव अयोध्या पहुंचे। यहां ऐसा मोहित हुए कि 1 महीने अयोध्या में रहे। इस दौरान अयोध्या में रात नहीं हुई। इसलिए भगवान राम के जन्म पर सूर्य तिलक का विशेष महत्व है। राम सूर्यवंशी थे, यानी सूर्य उनके कुल देवता थे। आज रामनवमी पर दूसरी बार अयोध्या मे रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक किया गया, अभिजीत मुहूर्त में ललाट पर 4 मिनट पड़ी सूर्य की किरणें…..
अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं। राम जन्मभूमि परिसर में लंबी कतारें लगी हुई हैं, जहां श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए घंटों प्रतीक्षा कर रहे हैं।

सुबह 9:30 बजे रामलला को पंचामृत से स्नान कराकर भव्य शृंगार किया गया। इस दौरान मंदिर परिसर के बाहर लगभग एक किलोमीटर लंबी कतार देखी गई।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर हाउसफुल जैसे हालात बन गए हैं। गर्मी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने राम पथ, भक्ति पथ, धर्म पथ और राम जन्मभूमि पथ पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेड कारपेट बिछवाई है।
इसके अलावा, श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत देने के लिए ड्रोन के माध्यम से सरयू जल का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही, विभिन्न स्थानों पर शेड बनाए गए हैं, ताकि श्रद्धालु धूप से बच सकें।