बागेश्वर में ‘हिंदू गांव’ की घोषणा पर विवाद: कांग्रेस ने मांगी अन्य धर्मों के गांव की अनुमति, बीजेपी का पलटवार….

छतरपुर (मध्य प्रदेश) – बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री द्वारा ‘हिंदू गांव’ बसाने की घोषणा के बाद राजनीतिक घमासान मच गया है। कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि संविधान धर्म के आधार पर गांव बसाने की अनुमति देता है, तो उन्हें मुस्लिम, ईसाई और सिख गांव बसाने की भी अनुमति दी जाए।

हफीज ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से यह मांग करते हुए धीरेंद्र शास्त्री के ट्वीट को टैग किया। शास्त्री ने अपने ट्वीट में कहा था कि बागेश्वर धाम में देश का पहला हिंदू गांव बसाया जाएगा, जिसकी आधारशिला रखी जा चुकी है। इस ग्राम में करीब 1,000 परिवारों को बसाने की योजना है।
बीजेपी का पलटवार: कांग्रेस पागल हो गई है।
विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा,
“कांग्रेसियों के विभाजनकारी इरादों ने ही पाकिस्तान बनाया था। अब अगर जिन्ना की औलादें पाकिस्तान की बात करेंगी, तो उन्हें दुनिया में कहीं जगह नहीं मिलेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि ‘हिंदू गांव’ का उद्देश्य सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा,
“बेटियों को स्वतंत्र रूप से घूमने दिया जाए, तिरंगे का अपमान न हो, सेना पर पत्थर न फेंके जाएं—फिर किसी को डरने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन अगर ऐसा हुआ, तो छोड़ा नहीं जाएगा।”
क्या यह धार्मिक ध्रुवीकरण की नई शुरुआत है, या फिर समाज में समरसता की दिशा में एक कदम? यह मुद्दा आने वाले दिनों में और गर्मा सकता है।