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चित्रकूट में विधायक निधि और विभागीय मिलीभगत पर गंभीर आरोप,

कांग्रेस प्रवक्ता रितेश त्रिपाठी ने सौंपा सबूतों सहित शिकायत पत्र….

भोपाल, मध्य प्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से एक बड़े घोटाले की शिकायत की गई है। यहां विधायक निधि और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में करोड़ों रुपये के घोटाले और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रितेश त्रिपाठी ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) को सबूतों सहित एक विस्तृत शिकायत पत्र सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

त्रिपाठी ने शिकायत में आरोप लगाया कि चित्रकूट क्षेत्र में 18 नालियों की सफाई के नाम पर लगभग ₹1.70 करोड़ की राशि विधायक निधि से खर्च की गई, लेकिन जमीन पर न तो कोई सफाई कार्य हुआ और न ही उसका कोई भौतिक प्रमाण मौजूद है।

उन्होंने कहा कि यह एक सुनियोजित घोटाला है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों और कागजी खानापूर्ति के जरिए जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग हुआ।

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं। त्रिपाठी का आरोप है कि विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष या परोक्ष मिलीभगत से कार्यों को कागजों में पूरा दिखा दिया गया और लाखों रुपये का भुगतान कर दिया गया। जमीन पर स्थिति एकदम उलट है, जहां किसी भी तरह का वास्तविक काम नहीं दिखता।

शिकायत में अमृत सरोवर योजना और अन्य जलसंरक्षण परियोजनाओं में भी व्यापक वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया गया है। त्रिपाठी का कहना है कि इन परियोजनाओं की गुणवत्ता बेहद खराब है और अधिकांश काम सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहे।

रितेश त्रिपाठी कि माने तो उन्होंने अपनी शिकायत के समर्थन में स्थानीय और राज्य स्तरीय अखबारों में प्रकाशित रिपोर्ट्स की प्रतियां और निर्माण स्थलों की तस्वीरें भी EOW को सौंपी हैं। तस्वीरें स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि जहां लाखों रुपये का खर्च दर्शाया गया है, वहां काम की कोई निशानी नहीं है।

उन्होंने मांग की है कि EOW मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत प्रारंभिक जांच शुरू करे। त्रिपाठी ने दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओ के तहत FIR दर्ज करने की मांग की है। साथ ही, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, के तहत भी कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस कथित घोटाले से सरकार की पारदर्शिता और विकास योजनाओं की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। उन्होंने मांग की कि इस घोटाले से जुड़े सभी कार्यों का स्वतंत्र तकनीकी और वित्तीय ऑडिट कराया जाए, ताकि जनता के पैसों की लूट का पूरा सच सामने आ सके।

त्रिपाठी ने EOW से इस मामले में निष्पक्ष और निष्कलंक कार्रवाई की अपेक्षा जताते हुए कहा कि यह कोई सामान्य मामला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित घोटाला है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस सड़क से सदन तक जनता के हक की आवाज उठाएगी।

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