सुलझा प्रतिमा विवाद: श्रीनिवास तिवारी की मूर्ति तय स्थान पर स्थापित, शताब्दी पर होगा अनावरण…..
अमित मिश्रा/सतना।

रीवा। विंध्य की राजनीति के दिग्गज और मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रहे श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा को लेकर बीते चार दिनों से चला आ रहा विवाद आखिरकार थम गया है। देर रात प्रशासन और नगर निगम की टीम ने नापजोख कर पहले से तय स्थान पर मूर्ति लगाने की अनुमति दी और प्रतिमा स्थापित कर दी गई।

दरअसल, बुधवार को पुलिस विभाग के अधिकारियों ने स्थल पर पहुंचकर कार्य रोक दिया था और यह जमीन अपनी बताते हुए मूर्ति लगाने पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया और कांग्रेस नेताओं ने विरोध दर्ज कराया। उन्होंने साफ कहा कि 17 सितम्बर को रीवा की जनता-जनार्दन यह तय करेगी कि मूर्ति कहां लगेगी। वहीं भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा ने भी बयान जारी कर कहा कि मूर्ति लगाने पर आपत्ति नहीं है, लेकिन अनावश्यक विवाद से बचना चाहिए। अंततः सभी पक्षों की सहमति से तय हुआ कि पुलिस लाइन चौराहे पर प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

अब आगामी 17 सितंबर को, श्रीनिवास तिवारी की 100वीं जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा का विधिवत अनावरण किया जाएगा। इस आयोजन को लेकर रीवा की जनता में उत्साह है।
श्रीनिवास तिवारी राजनीति में ईमानदारी, सादगी और जनसेवा के प्रतीक माने जाते थे। विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने संसदीय परंपराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती दी। वे विंध्य क्षेत्र की आवाज बने और किसानों, मजदूरों व आम जनता के मुद्दों को सदन से लेकर सड़क तक मजबूती से उठाया।
रीवा और विंध्य क्षेत्र में तिवारी की पहचान सिर्फ एक राजनेता की नहीं, बल्कि जनता के अभिभावक “दादा” के रूप में रही। उन्होंने अपने कार्यकाल में शिक्षा, स्वास्थ्य और क्षेत्रीय विकास के लिए ठोस पहल की। तिवारी का जीवन संघर्ष और सिद्धांतों पर आधारित रहा और यही वजह है कि आज भी लोग उन्हें स्नेह और सम्मान से याद करते हैं।
रीवा में उनकी प्रतिमा की स्थापना केवल एक मूर्ति का निर्माण नहीं, बल्कि जनता के भावनात्मक लगाव और उनके योगदान को अमर करने का प्रतीक है।