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शेरगंज खाद घोटाला: रैक से आई खाद बिना उतारे दिखा दी प्राप्त, DMO हटाने की उठी मांग, ट्रांसपोर्टर बोले- कार्रवाई तक नहीं चलेंगी गाड़ियां……

अमित मिश्रा/सतना।

सतना। रबी सीजन की शुरुआत के बीच सतना जिले में खाद वितरण व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। शेरगंज मार्कफेड गोदाम में सामने आया डीएपी हेराफेरी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। मामला इतना गंभीर है कि ट्रांसपोर्ट व्यापारियों ने जिला विपणन अधिकारी (DMO) को हटाने की मांग करते हुए कहा है कि जब तक उन पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वे खाद की गाड़ियां नहीं चलाएंगे।

जानकारी लेने पर पता चला की बुधवार शाम ईफको की रैक से निकला ट्रक क्रमांक एमपी 53 एचए 1828 डीएपी की 600 बोरियां लेकर शेरगंज गोदाम पहुंचा। आश्चर्य की बात यह रही कि ट्रक की खाद उतारी ही नहीं गई, फिर भी गोदाम प्रभारी ने अपने हस्ताक्षर और सील लगाकर खाद प्राप्त दिखाते हुए पावती जारी कर दी। बाद में यही ट्रक पन्ना रोड पर संदिग्ध हालत में मिला। कृषि विभाग के एसएडीओ ने जब वाहन रोका, तो चालक के पास न चालान था, न बिल्टी और न ही समिति का कोई परिवहन आदेश। इसके बाद ट्रक को शेरगंज गोदाम में जब्त कर लिया गया।

इस पूरे मामले पर ईफको कंपनी ने भी कड़ा रुख अपनाया। कंपनी के एरिया मैनेजर राजेश मौर्य ने उपसंचालक कृषि और DMO को पत्र भेजते हुए कहा कि यह अत्यंत संदिग्ध घटना है और इसमें गोदाम प्रभारी की मिलीभगत प्रतीत होती है। उन्होंने यह भी बताया कि 29 अक्टूबर को ईफको की सतना रैक से बिल्टी संख्या 718 के तहत यही ट्रक 600 बोरियां डीएपी लेकर शेरगंज गोदाम के लिए रवाना हुआ था, पर खाद वहां नहीं उतरी।

इस खुलासे के बाद किसानों और ट्रांसपोर्ट व्यापारियों में आक्रोश है। किसानों का कहना है कि जब वे समितियों के चक्कर काट रहे हैं, तब खाद की गाड़ियां रास्ते में ही दिशा बदल रही हैं। मझगवां, अमरपाटन और नागौद क्षेत्र के किसानों को कई दिनों से डीएपी नहीं मिल पा रही।

ट्रांसपोर्ट व्यापारियों ने DMO पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि DMO खुद सोसाइटियों से आरो कलेक्ट कर रहे हैं। यह विभाग की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल है। व्यापारियों ने साफ चेतावनी दी है कि जब तक DMO पर कार्रवाई नहीं होती, जिले में खाद का परिवहन पूरी तरह ठप रहेगा।

वहीं, इस मामले में कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार, ट्रक और दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू कर दी गई है। जिला प्रशासन ने DMO से जवाब तलब किया है।

गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। 29 सितंबर को इंडियन पोटाश लिमिटेड (IPL) की डीएपी रैक से जुड़ा एक और वीडियो सामने आया था, जिसमें शेरगंज गोदाम में एक ट्रक से दूसरे ट्रक में खाद पलटते हुए कर्मचारी नजर आए थे।

किसानों का कहना है कि ऐसी घटनाएं उनकी मेहनत पर पानी फेर रही हैं। हम समितियों के दरवाजे खटखटा रहे हैं, लेकिन गोदामों में खाद केवल कागजों पर पहुंच रही है, एक किसान ने कहा।

अब पूरा मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में है। वही मामले मे डीएमओ की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग जोरों पर है।

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