सतना: विगत दिनों 7-8 दिसंबर, फ़ोनम पेंह् कंबोडिया मे 92 देशों के 7 हजार होनहार वीरवानों के मध्य अपना मानसिक द्वंद खेलते, शंम्भावी एबेकस एकेडमी सतना के 5 बच्चों ने इतिहास रच दिया जिसमे मानन्या मेहरोत्रा प्रथम रनरअप स्नेहा सिंह द्वितीय रनरअप व चैंपियन का पायदान अपने हिस्से करने में प्राघी मेहरोत्रा, अभिषेक शुक्ला, जान्हवी श्रीवास्तव सफल रहे।
इस प्रतियोगिता में गणितीय जटिल 200 सावालों को बिना कैलकुलेटर अपनी विद्या से ही महज 8 मिनट में करना होता है। साप्ताहिक क्लास में 3 वर्ष के इस कोर्स मे बच्चे की कल्पना शक्ति, एकाग्रता, सुन समझ कर करने की क्षमता, निर्णायक, याददाश्त, ग्राहक्षमता, लेखन व सोचने की रफ्तार इन सबके विकाश के साथ तार्किकता और बौद्धिकता का भी विकाश होता हैइन्ही के कारण ही छात्र स्वंय को विरले बनाते है, और आगे चल के कोई भी क्षेत्र या परीक्षा हो CA, PET, PMT, PO इत्यादि जिनमे समय का आभाव व सवालो की प्रचुरता रहती है, तब कच्ची उम्र में पौधे के रूप आजीवन के लिए पिरोई हुई ये विधा बच्चे के तना बन जाने के बाद भी जीवनपर्यंत काम आती है ।