मध्यप्रदेशसतना

सादगी से भरे कलेक्टर सतना, तीसरे मंगलवार भी साधारण साइकिल से पहुंचे कलेक्ट्रेट…..

अमित मिश्रा/सतना

जनता बोली, अधिकारी हो तो ऐसा…

आज के दौर में जहां लोग महंगी और आधुनिक साइकिलों का शौक रखते हैं, वहीं सतना के कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने अपनी सादगी और सरलता से सबका दिल जीत लिया। तीसरे मंगलवार को भी वे सामान्य साइकिल पर अकेले ही अपने सरकारी आवास से धवारी स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। न कोई सुरक्षा गार्ड, न दिखावा। बस साधारण कपड़ों में एक आम नागरिक की तरह पैडल मारते हुए वे दफ्तर पहुंचे।

रीवा कमिश्नर बीएस जामोद की पहल पर पूरे संभाग में प्रत्येक मंगलवार को ‘साइकिल डे’ मनाया जाता है। इस दिन अधिकारी-कर्मचारी पेट्रोल-डीजल वाहनों का उपयोग न कर साइकिल से दफ्तर आते हैं। इस पहल का पालन करते हुए कलेक्टर ने न केवल नियम निभाया बल्कि जनता को यह संदेश भी दिया कि बड़े पद पर रहते हुए भी साधारण जीवन जिया जा सकता है।

कलेक्टर को सादगी भरे सामान्य तरीके से साइकिल चलाते देख राहगीर और कर्मचारी जिन्होंने उन्हें पहचाना वह दंग रह गए। सभी के मुंह से एक ही बात निकली, अधिकारी हो तो ऐसा। लोगों का कहना था कि जहां आज आम आदमी भी दिखावे में जीना चाहता है, वहीं जिले का सर्वोच्च अधिकारी सामान्य साइकिल से दफ्तर आना काबिले-तारीफ है।

इससे पहले 5 अगस्त को भी कलेक्टर एसडीएम और तहसीलदार संग साइकिल से कार्यालय पहुंचे थे। वहीं, 12 अगस्त को उन्होंने पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता और अन्य अधिकारियों के साथ तिरंगा साइकिल रैली का नेतृत्व किया था।

कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस का मानना है कि यह अभियान केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा बनना चाहिए। सप्ताह में एक दिन साइकिल चलाने से न केवल प्रदूषण घटेगा बल्कि फिटनेस भी बेहतर होगी।

उनकी सादगी और जनसुलभता ने प्रशासनिक कार्यशैली को नई पहचान दी है। जनता का कहना है कि असली महानता दिखावे में नहीं, बल्कि सादगी और कर्मठता में है, और कलेक्टर इसका जीवंत उदाहरण हैं।

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