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रीवा में स्व.श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा स्थापना पर संग्राम: अजय सिंह ने कहा द्वेषपूर्ण रोक, महापौर बोले आंदोलन होगा…..

अमित मिश्रा/सतना।

रीवा। विंध्य के कद्दावर नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा स्थापना को लेकर रीवा में विवाद गहराता जा रहा है। नगर निगम द्वारा पीटीएस (एसएएफ) चौराहे पर प्रतिमा लगाने की तैयारी की गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने भूमि स्वामित्व का हवाला देकर निर्माण पर रोक लगा दी। इसके बाद मामला गरमा गया और कांग्रेस ने इसे जनता की भावनाओं से जुड़ा बताते हुए बड़ा मुद्दा बना दिया है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने इस पूरे प्रकरण को द्वेषपूर्ण बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि नगर निगम परिषद ने 2018 में ही सर्वसम्मति से प्रतिमा स्थापना का प्रस्ताव पारित किया था, जिस पर बाद में टेंडर और कार्यादेश तक जारी हुए। विद्युत विभाग, सड़क विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिए थे, परंतु पुलिस विभाग ने अनुमति नहीं दी और कार्य रोक दिया गया। सिंह ने कहा कि यह विन्ध्य की जनता का अपमान है और श्रीनिवास तिवारी जैसे जननायक की प्रतिमा स्थापना में अड़ंगा लगाना दुर्भावनापूर्ण कदम है।

अजय सिंह ने मांग की है कि मुख्यमंत्री तत्काल हस्तक्षेप कर इस विवाद को सुलझाएं, ताकि आगामी 17 सितंबर, जो श्रीनिवास तिवारी का जन्मदिन है, उसी दिन उनकी प्रतिमा का अनावरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि चाहे भूमि नगर निगम की मानी जाए या पुलिस विभाग की, दोनों ही शासन की संपत्ति हैं, ऐसे में तकनीकी कारणों से जनता की भावनाओं को आहत करना उचित नहीं है।

वही महापौर अजय मिश्रा बाबा ने साफ चेतावनी दी है कि यदि 17 सितंबर तक प्रतिमा स्थापित नहीं की गई, तो कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि नगर निगम परिषद ने प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पारित किया था और स्थान भी चिह्नित किया गया था। तिवारी जी विंध्य क्षेत्र के किसानों और श्रमिकों की आवाज थे। ऐसे जननायक की प्रतिमा में अवरोध दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीति से प्रेरित है।

पुलिस प्रशासन का कहना है कि विवादित भूमि पुलिस विभाग की अधिगृहीत संपत्ति है, जिस पर बिना अनुमति निर्माण संभव नहीं। इसी कारण निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है और स्थल पर बल भी तैनात किया गया है।

अब देखना होगा कि 17 सितंबर से पहले प्रशासन और नगर निगम के बीच समाधान निकलता है या फिर मामला आंदोलन की ओर बढ़ता है। विंध्य की राजनीति में इस विवाद ने नया मोड़ ला दिया है और कांग्रेस इसे जनआंदोलन का रूप देने की तैयारी में है।

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