नवरात्रि गरबा में मर्यादा की मांग: राम राज सेना का प्रशासन को ज्ञापन…..
अमित मिश्रा/सतना।

सतना। नवरात्रि का पर्व जहां देवी भक्ति और आस्था का प्रतीक है, वहीं बदलते दौर में इसके आयोजनों में मनोरंजन और अश्लीलता का रंग घुलता जा रहा है। इस पर चिंता जताते हुए राम राज सेना ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि गरबा महोत्सव केवल धार्मिक और मर्यादित स्वरूप में ही संपन्न हों।
संगठन का कहना है कि नवरात्रि सनातन संस्कृति और परंपरा का पावन पर्व है, लेकिन हाल के वर्षों में आयोजकों द्वारा गरबा को फिल्मी और भोजपुरी गानों पर प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे धर्मप्रेमियों की भावनाएं आहत होती हैं। यह न केवल आस्था का अपमान है बल्कि समाज में गलत संदेश भी देता है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि जिले में आयोजित होने वाले सभी गरबा महोत्सव केवल सप्तमी तक सीमित रहें और उनकी समय सीमा रात 9:30 से 10 बजे तक ही तय की जाए। साथ ही गरबा केवल देवी भक्ति गीतों और धार्मिक भजनों पर आयोजित हों। आयोजनों में पारंपरिक व एथनिक ड्रेस कोड अनिवार्य करने का सुझाव भी दिया गया, ताकि श्रद्धा और संस्कृति का वातावरण बना रहे।
राम राज सेना ने यह भी कहा कि ऐसे तत्वों की एंट्री पर रोक लगाई जाए, जो संस्कृति के विपरीत माहौल बिगाड़ते हैं। यदि आयोजक आस्था से खिलवाड़ करते पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
संगठन की यह पहल केवल प्रशासन से नहीं, बल्कि पूरे समाज से जागरूकता की अपील है। नवरात्रि मनोरंजन का पर्व नहीं, बल्कि भक्ति और अनुशासन का प्रतीक है। हर नागरिक का दायित्व है कि वह संस्कृति की मर्यादा को बनाए रखते हुए आने वाली पीढ़ियों को इसकी प्रेरणा दे।