मैहर में आदिवासी जमीन प्रकरण, जांच में फर्जी नामांतरण उजागर…..

भाजपा नेता पारसनाथ तिवारी एवं पार्षद रवि सोनी पर लगे फर्जीवाड़े के आरोप…
मैहर। आदिवासियों की भूमि को फर्जी नामांतरण के आधार पर बेचे जाने का एक गंभीर मामला मैहर में सामने आया है। मृतक परदेशी सिंह गोंड की जमीन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए उनकी पुत्रियों ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद राजस्व विभाग ने जांच शुरू की।
शिकायत के अनुसार, परदेशी सिंह गोंड की मृत्यु के बाद उनकी जमीन त्रुटिपूर्ण ढंग से सुंदर सिंह गोंड के नाम दर्ज कराई गई और बाद में अन्य व्यक्तियों के नाम विक्रय कर दी गई। जबकि मृतक की तीनों संतानें माया सिंह, रेखा सिंह और जितेंद्र सिंह जीवित हैं और विधिक वारिस होने के नाते जमीन पर उनका हक बनता है।
मामले को एसडीएम विकास सिंह के समक्ष पेश किया गया। सुनवाई के दौरान प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि नामांतरण की प्रक्रिया अवैध तरीके से की गई है। एसडीएम ने अपने आदेश में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 170(ख) का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि किसी आदिवासी की भूमि कपटपूर्वक अन्य नाम दर्ज की गई है, तो उसके आधार पर किए गए सभी विक्रय पत्र स्वतः शून्य हो जाते हैं।
एसडीएम ने निर्णय पारित करते हुए भूमि के नामांतरण और विक्रय संबंधी पूर्व आदेशों को निरस्त किया। साथ ही निर्देश दिया गया कि मौजा भदनपर दक्षिण पट्टी की 1.724 हेक्टेयर जमीन मृतक भू-स्वामी परदेशी सिंह गोंड के विधिक वारिसों माया बाई, रेखा सिंह और जितेंद्र सिंह के नाम दर्ज की जाए।
यह प्रकरण आदिवासी भूमि की सुरक्षा और संरक्षण से जुड़े सवाल खड़ा करता है। पीड़ित परिवार ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन और सरकार ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाएगी ताकि भविष्य में आदिवासियों की जमीनों को हड़पने की घटनाएं न हों।