कोठी में आज भी होती है रावण की पूजा, विधि-विधान से परिवार निभा रहा परंपरा…..
आदित्य मिश्रा, कोठी/सतना।

सतना/कोठी। जहां देशभर में दशहरे पर रावण दहन की परंपरा निभाई जाती है, वहीं सतना जिले के कोठी कस्बे में आज भी रावण की पूजा की जाती है। यहां दशहरे के दिन समाजसेवी रमेश मिश्रा और उनके परिवार द्वारा पूरे विधि-विधान से रावण की पूजा की जाती है। कोठी में स्थित रावण की यह मूर्ति प्राचीन काल में राजाओं द्वारा स्थापित कराई गई थी, जो आज भी श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बनी हुई है।
समाजसेवी रमेश मिश्रा का कहना है कि रावण हमारे पूर्वज थे और हमें उस पर गर्व है। वे गौतम गोत्र के ब्राह्मण थे, जिन्होंने 6 शास्त्र और 18 पुराणों का ज्ञान अर्जित किया था। वे परम शिवभक्त थे और संगीत विद्या के अद्वितीय ज्ञाता माने जाते हैं। रमेश मिश्रा ने कहा-रावण कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे। उन्होंने भगवान को भी अपने कुल की रक्षा के लिए चुनौती दी थी। रावण जैसा भाई हर बहन का सपना होता है, जिसने अपनी बहन के सम्मान के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया।
मिश्रा परिवार का कहना है कि यह पूजा उनकी पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा है और यह सिलसिला आगे भी निरंतर जारी रहेगा। कोठी में रावण पूजा आज भी श्रद्धा और गौरव का प्रतीक बनी हुई है।