
नई दिल्ली। कोरोना के खतरे से निपटने के लिए तीनों सेनाओं ने कमर कस ली है। आने वाले दिनों में इसके रोगियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। इसके मद्देनजर सेनाओं ने अपने अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। संदिग्ध रोगियों को अलग-थलग रखने के लिए सेनाओं ने देश के विभिन्न हिस्सों में चार हजार से अधिक बिस्तरों का इंतजाम कर दिया है।
थल सेना द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जोधपुर, जैसलमेर तथा झांसी में एक-एक हजार लोगों को क्वारंटाइन पर रखने के इंतजाम किए गए हैं। जबकि मानेसर, गया तथा बिनागुड़ी में तीन-तीन सौ लोगों को रखने के इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा उधमपुर में एक हजार लोगों के लिए क्वारंटाइन सुविधा विकसित की गई है।
इसके सेना, नौसेना तथा वायुसेना के सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने, रोगियों की पहचान के लिए अलग से ओपीडी शुरू करने तथा नमूने एकत्र करने की व्यवस्था भी की जा रही है। सेना ने जहां-जहां भी क्वारंटाइन सुविधाएं विकसित की हैं, वहां सेना के चिकित्सा स्टाफ एवं अन्य कर्मी तैनात किए गए हैं। एक केंद्र पर 60-100 तक सैन्यकर्मी और चिकित्सा स्टाफ को तैनात किया गया है तथा तीन से दस लाख रुपये प्रतिदिन का खर्च सेना इस सुविधा पर कर रही है।
सेना के मानेसर और जैसलमेर केंद्रों पर विदेश से लाये गये लोगों को रखा गया है। इन केंद्रों पर संदिग्ध रोगियों को 14 दिन चिकित्सा निगरानी में रखा जाता है और अंत में दो बार जांच की जाती है और टेस्ट नेगेटिव आने के बाद मरीजों को घर जाने की अनुमति दी जाती हैं जहां उन्हें कुछ दिन अपने स्वास्थ्य पर स्वयं निगरानी रखनी होती है।
कोरोना के लगातार बढ़ रहे संक्रमण के चलते कर्नाटक और महाराष्ट्र ने इसे महामारी घोषित कर दिया। दिल्ली और हरियाणा को मिलाकर चार राज्यों में कोरोना महामारी घोषित हो चुकी है। वहीं, संक्रमण की आशंका के मद्देनजर सात राज्यों में स्कूल-कॉलेज बंद करने का फैसला लिया गया है। कई राज्यों ने सार्वजनिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगा दी है। देश में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि यदि कोई संक्रमित या संदिग्ध इलाज से मना करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा कई राज्यों में खेलों को लेकर भी परामर्श जारी किया गया है।
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