अमित मिश्रा/सतना।

सतना। नशे के अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने के बीच सभापुर थाने में पदस्थ आरक्षक पप्पू यादव को कोरेक्स तस्करों से मिलीभगत के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने यह कार्रवाई करते हुए विभागीय जांच के आदेश जारी किए हैं।
मामला तब सामने आया, जब सोशल मीडिया पर एक ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुई, जिसमें आरक्षक पप्पू यादव को तस्करों से हर महीने अवैध वसूली की बात करते सुना गया। रिकॉर्डिंग में आरक्षक, अंकुर गौतम नामक युवक से बातचीत में दीपक पांडेय को कोरेक्स बिक्री में मदद का आश्वासन देता सुनाई दे रहा है। उल्लेखनीय है कि अंकुर गौतम बीते दिनों कोरेक्स तस्करी के एक मामले में फरार है, जबकि दीपक पांडेय नगर में खुलेआम इस अवैध कारोबार में लिप्त बताया जाता है।
वायरल ऑडियो में थाने में पदस्थ दो नए सिपाहियों का भी ज़िक्र है और यहां तक कि थाना प्रभारी को ‘मैनेज’ करने की बात भी कही गई है। यह संकेत देता है कि अवैध धंधे की जानकारी थाना प्रभारी तक भी हो सकती है। थाना सूत्रों का कहना है कि किसी भी आरक्षक के लिए बिना प्रभारी की सहमति ऐसे काम करना संभव नहीं होता। चर्चाओं में यहां तक कहा जा रहा है कि प्रभारी की मौन सहमति के बिना यह नेटवर्क चल पाना मुश्किल है।
रीवा रेंज के आईजी गौरव राजपूत ने पदभार संभालते ही नशे के खिलाफ सख्त अभियान छेड़ दिया है। प्रतिदिन किसी न किसी थाने में नशा कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नशा तस्करों, गो-तस्करों और अन्य अवैध कारोबार में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ तुरंत और कड़ी कार्रवाई हो।
हालांकि, सूत्र बताते हैं कि कुछ थाना प्रभारी अभी भी आईजी के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे और गुपचुप तरीके से अवैध धंधों में संलिप्त हैं। आरक्षक पप्पू यादव का मामला इस बात का ताज़ा उदाहरण है कि पुलिस व्यवस्था में मौजूद ऐसे भ्रष्ट तत्व, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के बावजूद नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं।