जांच में खुला बड़ा रैकेट: मेडिकल स्टोर्स से नीली गोलियों का नशे का कारोबार, जबलपुर से पन्ना तक फैला नेटवर्क….
अमित मिश्रा/सतना।

सतना। औषधि विभाग की फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम को नशीली कप सिरप की तलाश में दबिश के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में टीम को सिरप नहीं बल्कि नीली गोलियों के गोरखधंधे के साक्ष्य मिले। नशे के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए औषधि नियंत्रक दिनेश कुमार मौर्य ने 8 अगस्त को विशेष टीम गठित की थी। इसमें सतना की ड्रग इंस्पेक्टर प्रियंका चौबे, जबलपुर के शरद जैन और सिंगरौली के बिहारीलाल अहिरवार शामिल हैं। टीम 15 दिन में शहडोल, पन्ना और सतना जिले के मेडिकल स्टोरों की जांच कर रिपोर्ट देगी।
अस्पताल चौक से मिली कड़ी
20 अगस्त को टीम ने पहली कार्रवाई सतना के अस्पताल चौक स्थित एक थोक दवा कारोबारी पर की। यहां से ‘नीली गोली’ नामक नशीली दवाओं की बिक्री संबंधी दस्तावेज मिले। सूत्रों के अनुसार इन गोलियों की खेप जबलपुर से सतना आती है और यहां से मैहर, पन्ना सहित आसपास के कस्बों तक सप्लाई होती है।
पन्ना में छापामार कार्रवाई
अस्पताल चौक से जुटाए गए सुरागों के आधार पर गुरुवार को टीम ने पन्ना जिले के 10 मेडिकल स्टोर्स पर दबिश दी। सभी दुकानों का पंजीयन तो सही पाया गया, लेकिन दवा खरीदी-बिक्री के रजिस्टर, बिल बुक और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए गए। अब इनकी बारीकी से जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि कितनी मात्रा में गोलियों का लेन-देन हुआ और किन तक यह खेप पहुंची।
जबलपुर से जुड़े तार
प्रारंभिक जांच से साफ है कि यह कारोबार संगठित तरीके से चल रहा है। जबलपुर के थोक व्यापारी बड़े पैमाने पर गोलियां भेजते हैं, जो सतना में उतरकर छोटे डीलरों के जरिए आसपास के शहरों तक पहुंचाई जाती हैं। मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से हो रही यह अवैध बिक्री इसे सामान्य व्यापार का रूप देकर नशे के कारोबार को और खतरनाक बना रही है।